Bewfa Mat Kahna/बेवफा मत कहना
दुनियाँ की भीड़ में अल्हड़ थे,नादान थे,
आसपास के लोग नादानियों से परेशान थे,
उस अल्हड़ को पास बुलाया उसने,
जिस खुशी से अनजान थे वो प्यार सिखाया उसने,
हम सीखते रहे,वे सिखाते रहे,
वे हंसते,हम मुस्कुराते रहे,
उनका सानिध्य ऐसा,
पतझड़ पर मधुमास जैसा,
जेठ की दुपहरी जैसे चाँदनी,
उनकी खिलखिलाहट जैसे रागिनी,
प्रेम का उबाल था उनपर लुटाते रहे,
धरती की प्यास,बन सावन मिटाते रहे,
आंखों ने उनकी आखों में एक बार नही,
कई बार देखा,
प्यार करते थे,उन्हें रब जैसा,
उनकी मुस्कुराहट में छल नही प्यार देखा,
आज जो आँसूं,गम,मुस्कुराहट,यादें,
दर्द या ज्ज्बाते हैं
सब उन्ही की सौगातें है,
जो इतना कुछ दिया उस रब के प्रेम को
मजाक मत समझना,
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी,
उन्हें बेवफा मत कहना,
आज भी हम जहाँ जाते वहाँ
वही खुशबू वही साँसे हैं,
वे गए कहाँ? वे ख्वाबों में अब भी नित आते हैं,
मुझ उच्छृंखल,अक्खड़,
अल्हड़ को आखिर शांत बनाया उसने,
फिर क्या हुआ हमें खिलौना बनाया उसने,
फिर क्या हुआ हमें खिलौना बनाया उसने।
!!!मधुसूदन!!!

Nice
बहुत सुन्दर लिखा है आपने,एकदम भावुक कविता….
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
Beautiful
Thanks.🙂
दर्द को कितनी सादगी से प्रस्तुत कर दिया सिर जी👏👏👏
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।🙏🙏
आपने बहुत सुंदर पंक्तियों से सजाया है👌
बहुत बहुत धन्यवाद।
कोरे काग़ज़ पर
किसी ने बे़वफा लिख दिया
मैंने भी मुस्कराते हुए
तेरा नाम लिख दिया
😛😛😅😅😅
☺️☺️🤔
आपकी उदास पँक्तियाँ और साक्षी जी रचना ने हमें भी लिखने को प्रेरित किया।
ये कैसा है जादू समझ न आया
मेरे उदास पंक्तियों को पढ़ आप कुछ लिख पाय
और फिर हम उन पंक्तियों को पढ़ मुस्करा पाय
😊😊😊😊😊
दर्द।
मिलना बिछड़ना
आपके वश में नही
आपके वश में है सिर्फ
प्रेम करना ..
किया ??
अगर नही
तो करिये सिर्फ प्रेम !!
बहुत सुंदर प्रेम से सजी कविता …दिल को छूती हुई❤😘✨
बहुत बहुत धन्यवाद भाई।
Bahot badhiya
Dhanyawad apka.
Please follow me
Jarur.
Jii thnku😊
Bahut khub sir
Dhanyawad apka.