CHALLAN/चालान
Image Credit : Google
पाँच सौ की दिहाड़ी,
पन्द्रह हजार का चालान जारी,
वाह रे सरकार,हाय री जनता बेचारी।
काश हमने भी देखादेखी ना कर,
ट्रैफिक नियम को पहले से निभाई होती,
आज इस चालान की फिर नौबत ना आई होती,
अब ऐसा लगता है देश की दशा सुधर जाएगी,
शायद जिंदगी मेरी भी सँवर जाएगी,
वो नियम ही क्या जो कठोर नही,
खेद नियम से नहीं,
बस एक बात का हमें खेद है,
इस नियम में अब भी भेद है,
लागत से दोगुने बजट पास करा
बनाई गई सड़कों पर गड्ढे,
टूटे पूल,टूटी नालियाँ,
जिसमें गिरते,मरते लोग,
इसका जिम्मेवार कौन?
क्या उनका भी चालान कटेगा?
मौत के बाद भी
आई.सी.यू में कई दिनों तक
मानवता का हत्या कर
पैसे वसूलते नर्सिंग होम एवं
डॉक्टरों की फर्जी डिग्री के कारण
बेमौत मरते लोगों का जिम्मेवार कौन?
क्या उनका भी चालान कटेगा?
बच्चों को ए.बी.सी.डी. नही आती
तो उनके माँ-बाप जिम्मेवार,
मगर ए.बी.सी.डी. नही जानने के बावजूद भी
बी.एड की डिग्री निर्गत करनेवाले कौन?
क्या उनका भी चालान कटेगा?
सोच!
देख कैसी दहशत बढ़ी है चालान की,
उनकी गलती तो इंसाफ,
मेरी गलती तो पचास जूत्ते,
पहल अच्छी है सरकार की,
आज इस वसूली से लाखों हैरान थे,
कई थे ऐसे जो इस नियम अनजान थे,
दस,बीस रुपये का पेट्रोल खरीद
स्वयं को भी खुशनसीब समझानेवाले को
चुकाना मुश्किल ये चालान भारी,
वाह रे सरकार,हाय री जनता बेचारी,
वाह रे सरकार,हाय री जनता बेचारी।
!!!मधुसूदन!!!
“पहल अच्छी है,हम आशावादी को निभाना होगा,
औरों की भी बारी आएगी,ये खुद को समझाना होगा।”
Apt lines written as per the situation.
Thank you very much for your valuable comments.
My pleasure sir