DUAYEN/दुआएं

तप तप कर धूप में संघर्षों के निखरती रही,लोग परेशान मगर हंसती रही,चलती रही शूल भरी राहों में,खुशियां मजबूर,समाती रही उसकी बाहों में,कांटों भरा सफर,बिस्तर गुलाब का,बेखबर उसके दर्द से,मगर ख्वाहिश सबकी आज वैसे ही मुस्कान का।दो अक्षरों का नाम ध्रुव,उपेक्षित,तिरिष्कृत अपनों सेमगर हीनता से परे अनवरत संघर्षरत,चमकता आसमान में,दो अक्षरों में ही सिमटी सुमा,किस किस […]

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AAWO MILKAR DIYA JALAYEN/आओ मिलकर दिया जलाएँ

देखो आया संकट भारी,जूझ रही है दुनियाँ सारी,एक अदृश्य रिपु दिल दहलाया,मानव को ही अस्त्र बनाया,वक्त विकट,विकराल रिपु,आ संयम अपना हम दिखलाएँ,विश्व ससंकित,दहशत में जग,आओ मिलकर दिया जलाएँ।वक़्त नही ये द्वंद्व का नफरत छोड़,त्याग दिखलाओ प्यारे,अगर बचे तो फिर लड़ लेंगे,खुद को अभी बचा लो प्यारेछोड़ो हठ मत कर मनमानी,धर्म कहा कब कर शैतानी,मान जगत,रब […]

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CHALLAN/चालान

Image Credit : Google पाँच सौ की दिहाड़ी, पन्द्रह हजार का चालान जारी, वाह रे सरकार,हाय री जनता बेचारी। काश हमने भी देखादेखी ना कर, ट्रैफिक नियम को पहले से निभाई होती, आज इस चालान की फिर नौबत ना आई होती, अब ऐसा लगता है देश की दशा सुधर जाएगी, शायद जिंदगी मेरी भी सँवर […]

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VIDHWA/विधवा

Image Credit : Google कभी कभी मन व्याकुल होता अब भी पर समझाए कौन ? आँखों से खोए सपने मुस्कान को वापस लाए कौन? कलतक जन्नत फीकी जिससे सेज नहीं वह भाती, काँटे क्या मखमल भी पलपल फूल को डंक चुभाती, नित रिसते सैलाब नयन, धीरज का बाँध बंधाये कौन? आँखों से खोए सपने मुस्कान […]

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KHOTI INSANIYAT/खोती इंसानियत

Image Credit : Google कुछ हिन्दू,सिक्ख,ईसाई कुछ इस्लाम हो गए, इन धर्मों के बंटवारे में इंसान खो गए। हम ढूँढ रहे हैं गाँव-शहर इंसानों की बस्ती, आदम-हौवा या मनु-सतरूपा की कोई हस्ती, बस्ती मिल जाते हैं अक्सर मुस्लिम और हिन्दू की, हम हार गए पर नहीं मिली इंसानों की बस्ती, बस्ती है यादव,ब्राम्हण की कई […]

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Helpless Pen

लोकतंत्र का मंदिर संसद,पत्रकार स्तंभ, ऊपर से मजबूत,जीर्ण हैं भीतर से ये खम्भ। मानवता का नाम जुबाँ पर, मानव से क्या काम, अपनी-अपनी ख्याति में सब, भूल गए इंसान, धर्म बना है आज एजेंडा,आंखें हैं अब नम, ऊपर से मजबूत,जीर्ण हैं भीतर से ये खम्भ। चीख रहा है कोरा कागज, कलम गुहार लगाता, शब्द तड़पता […]

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SAMAANTA/समानता

एक किसान था जिसका नाम था हरखू। विरासत में उसे तीन एकड़ जमीन मिली थी जिसपर वह खेती कर किसी तरह अपना जीवन यापन करता था। उसके दो बेटे थे, जिसे किसानी के बल पढ़ा लिखाकर ऑफिसर बनाने का ख्वाब देखा करता था। उसने दोनों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी । घर में […]

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Kaisa Shreshth/कैसा श्रेष्ठ

Image Credit :Google सभ्य अगर होते हैं ऐसे, पग-पग पर जँह भय और संसय, जहाँ पता ना कहाँतलक गिर जाएँगे हमलोग, जहाँ सशंकित हमसे,बहना,माता,वृद्ध,किशोर, फिर तो हमसे बेहतर थे सच में कल के जंगल के लोग।1 राह भटक एक परे लोक से, यहाँ मुसाफिर आया, गली-गली में मन्दिर मस्जिद देख बहुत चकराया, देखा सबके घर […]

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परिवर्तन/Pariwartan

आशियाना बदलते रहे उम्र भर,कुछ भी बदला नहीं, हम बदलते रहे धर्म और जातियां,कुछ भी बदला नहीं । हम अकेला चले कारवां बन गया, देखते-देखते ये जहाँ बन गया, जब जुआरी थे हमको जुआरी मिला, जब बने हम शराबी शराबी मिला, हम जैसा थे वैसा जहां बन गया,कुछ भी बदला नहीं, हम बदलते रहे धर्म […]

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Ek Kashmiri Pandit ki Dastaan

Images credit: Google आठ साल का बालक रोता, मृत पिता रज अश्क से धोता, अल्लाह, ईश्वर, गौड़, गुरु, भगवान बता माँ कैसा होता, होता है क्या धर्म बता,क्यों जुल्म सहन हम करते हैं, पुत्र दर्द क्या अश्क आँख के,चीख-चीख सब कहते हैं| लाल मेरे नादान अभी है, दुनियां से अनजान अभी है, नफरत के सब […]

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Dastaan ek Masum ki

Click here to read part..1 जब सात साल के बच्चे की गर्दन लहूलुहान हुई होगी तब क्या बीती होगी उस मासूम पर ? उसकी भावनाओं को शब्दों में ब्यक्त करना तो नामुमकिन फिर भी एक छोटा प्रयास —- कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ, मैं बताया नहीं ये अलग बात है, कितने आँसूं बहे,सब […]

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Ek Bebas Maa

अपने सात साल के छोटे बच्चे का बेरहमी से कत्ल किये जाने के बाद तड़पती एक बेबस माँ जिसके दर्द को शब्दों में बयान करना तो मुश्किल फिर भी एक छोटा प्रयास—- अब तो नींद नहीं है आती, यादें सारी रात जगाती, आयी नींद अगर तो,लल्ला की आवाज आई है, मुझे बचा ले माँ मुश्किल […]

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Smart City

Image Credit : Google झोपड़ी रहे ना रहे स्मार्ट सिटी बनाएंगे, पटरी पुरानी है तो क्या हुआ, बुलेट ट्रेन दौड़ाएंगे, दुख है कुछ गाडियां उलट रही, दुख है कुछ ज़िंदगियाँ बिखर रही, मगर चिंता की कोई बात नहीं, खजाने में कोई कमी नहीं, मुवावजे का हम एलान कर देंगे, सैनिक हैं हमारे पास, बाकी काम […]

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Insan ki Pukar

Image..Google धरती,अम्बर शुद्ध हवा,पानी फिर भी ना मंगल है, जहाँ नही हक जीने का निर्बल को,फिर वह जंगल है। जंगल मे जीव निकलते घर से, भूखे पेट को चैन कहाँ, क्या भूख मिटेगी या जीवन ही, जीव को इसकी खबर कहाँ, है सजग कान,आंखें चचल, खतरों से है अनभिज्ञ नहीं, है मगर बिबसता भोजन की, […]

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Insaan Ki Pukar

खून से देख तेरी धरा हुई लाल,पहली सोमवार में, हाय रे बिधाता देख भक्त है बेहाल,तेरे दरबार में। सरहद के पार माना रावण का साम्राज्य है, सरहद के अंदर बोल तू ही किसका राज है, पंडित लाचार छोड़ भागे कश्मीर से, कितनों की जान गई तेरे कश्मीर में, एक ही कौम का जहान बना कश्मीर, […]

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Ye Kaisa Hindustan

जितना प्रेम करते हैं हम अपने हिंदुस्तान से, उतना ही प्रेम करते हम,हिन्द के आवाम से, हैं हिन्दू हम सच्चाई है,मेरा भी हिंदुस्तान है, धर्म हो कोई भी उसमें,बसती मेरी जान है, संख्या अस्सी फीसदी मेरी,मेरे हिंदुस्तान में, फिर भी मेरी कद्र क्यों नहीं है हिंदुस्तान में। जाति-धर्म छोड़ देख,मैं भी तो इंसान हूँ, तेरे […]

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AAP BITI Kahaani Bhoot Ki

वैसे तो आज के बैज्ञानिक दौर में भूत-प्रेत की बात करना खुद का मजाक उड़ाने जैसा है परन्तु जब विज्ञान ही अभी तक पूर्ण नहीं है फिर किसी को भी एक सिरे से बकवास बोलना भी ठीक नहीं| कहानी उन दिनों की है जब मैं दिल्ली में कुछ दोस्तों के साथ कमरा शेयर कर रहा […]

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AAH GARIB KA

क्यों सताते हैं लोग मजलूमों को, भूल जाते हैं, बेसहारे भी हैं इस जहां के, क्यों रुलाते हैं | सबका जीवन भी है एक जैसा, सबको मरना भी है एक जैसा, ये बना पंच तत्वों का तन है, ब्यर्थ इतरा ना तन एक जैसा, साथ जाता नहीं ये कफ़न भी, क्यों गुर्राते हैं, बेसहारे भी […]

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Kaash….Ek Kachot

जैसे थे हम अच्छे थे, वैसा ही रहने देते, जाति-धर्म,का भेद मिटा,कुछ प्रेम का तोहफा देते ||   याद है बचपन की सब बातें, साथ में खेला करते थे, हिन्दू-मुस्लिम,जात-पात का, मतलब नहीं समझते थे, घर में मिलती डांट सजा, हम कहाँ सुधरनेवाले थे, मिले नहीं गर सुबह कहाँ फिर, दिन गुजरनेवाले थे, घरवाले सब […]

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Reservation

सदियों से गरीबों द्वारा अपने हक़ पर कब्जे की लड़ाई को सियासत द्वारा ऐसा जातिगत रंग दिया गया जिसने आज देश को दो धाराओं में बिभाजित कर गरीब को गरीब से ही लड़ा दिया जिसे देख आज बाबा साहेब भी अफशोष कर रहे होंगे, जिसे आरक्षण कहते हैं। आरक्षण एक ऐसा बिषय जिसपर कुछ भी […]

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