DAGABAAJ YARA
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हमने जिनसे इश्क किया वो दगाबाज निकला,
उनके दिल में भी एक छोटा सा दिमाग निकला,
हमने जिनसे इश्क किया वो दगाबाज निकला।
था मैं एक मुशाफिर,
एक दिन थककर चूर हो गया,
राहें रेत भरी थी,
सिर पर सीधा धुप हो गया,
दिख गयी दूर पेड़ की डाली,
थोड़ी आस जिगर में जागी,
दौड़ा पास पेड़ के आया,
खाली हाथ स्वयं को पाया,
बिस्मित आंखें पेड़ जहाँ थी वो श्मशान निकला,
हमने जिनसे इश्क किया वो दगाबाज निकला।२
गहरी झील सी उनकी आँखें,
हर पल मेरी ओर ही ताके,
अधरों पर मीठी मुश्कान,
बातें उनकी शहद समान,
दिल करता खुशियां सब दे दूँ,
उनका दर्द सभी मैं ले लूँ,
जन्नत समझ रहा जिनको वो कब्रगाह निकला,
हमने जिनसे इश्क किया वो दगाबाज निकला।२
एक दिन मेरे साथ खड़ी थी,
आंखें उनकी अश्क भरी थी,
कुछ तो थी उनकी मजबूरी,
सोंच में मेरी जान पड़ी थी,
धड़कन जिनको हमने माना,
उसने हमको ना पहचाना,
दिल की गहराई में देखा दूजा यार निकला,
हमने जिनसे इश्क किया वो,दगाबाज निकला।२
!!! मधुसूदन !!!
hamane jinase ishk kiya vo dagaabaaj nikala,
unake dil mein bhee ek chhota sa dimaag nikala,
hamane jinase ishk kiya vo dagaabaaj nikala.
tha main ek mushaaphir,
ek din thakakar choor ho gaya,
raahen ret bharee thee,
sir par seedha dhup ho gaya,
dikh gayee door ped kee daalee,
thodee aas jigar mein jaagee,
dauda paas ped ke aaya,
khaalee haath svayan ko paaya,
bismit aankhen ped jahaan thee vo shmashaan nikala,
hamane jinase ishk kiya vo dagaabaaj nikala.2
gaharee jheel see unakee aankhen,
har pal meree or hee taake,
adharon par meethee mushkaan,
baaten unakee shahad samaan,
dil karata khushiyaan sab de doon,
unaka dard sabhee main le loon,
jannat samajh raha jinako vo kabragaah nikala,
hamane jinase ishk kiya vo dagaabaaj nikala.2
ek din mere saath khadee thee,
aankhen unakee ashk bharee thee,
kuchh to thee unakee majabooree,
sonch mein meree jaan padee thee,
dhadakan jinako hamane maana,
usane hamako na pahachaana,
dil kee gaharaee mein dekha dooja yaar nikala,
hamane jinase ishk kiya vo,dagaabaaj nikala.2
!!!Madhusudan!!!
Bahut acha h sir ji bahut acha h
Bahut bahut abhara apka pasand karne kw liye…👏👏
Yeah line to bohot gajab hai, “उनके दिल में भी एक छोटा सा दिमाग निकला”.
Sahi kaha …..hame bhi ye layeen likhte samay pasand aayaa thaa….yun kahen to ye layeen hi puri kavita bana di….sukriya apne pasand kiya aur saraha.
Painful yet amazing. behad umda <3
Bahut hi sundar sirji
Dhanyawad apne pasand kiya aur saraha.
बहुत सुन्दर सर
Sukriya apne pasand kiya aur saraha.
वाह बहुत बढिया
Dhanyawaad….pasand aayaa…
बहुत सुंदर लेखनी
धन्यवाद मित्र आपने पसंद किया और सराहा।
हमने जिनसे इश्क किया वो दगाबाज निकला,
उनके दिल में भी एक छोटा सा दिमाग निकला,
ye line mujhe sabse jyada chhu gaya bahut khub Madhusudan ji
सुक्रिया दानिश जी आपको अच्छा लगा।
बहुत ही अच्छा लिखा है मधुसूदन जी। पहले की लिखी कविता है या इस समय की। इस भाव की कविता उम्र के – – – – – – – – – – – – – ।वैसे लिखने और सीखने की उम्र नहीं होती है। मैं थोड़ा खिंचाई कर रही थी बस। बहुत खूब बहुत ही अच्छा लिखा है आपने। मानना पड़ेगा हर क्षेत्र में उस्ताद हो आप कविता लिखने में।
सुक्रिया आपका—-आपने पसंद किया और सराहा।मैने इसी फरवरी से लिखना शुरू किया है।ये कविता आज की ही है।वैसे हम सब ऐसे लोग है जो दूसरे के दर्द अपनी लेखनी से उकेर देने का प्रयास करते हैं।
ठीक कहा आपने। और कोई अपना दर्द भी लिखता है तो कभी किसी के जिंदगी पर मैच कर जाता है।