Dhairya ki Seema
धार तेज नदियों की चाहे,
कोई दुर्गम घाटी हो,
बाँध बना सकते हो उसपर,
चाहे गीली माटी हो,
मगर जो टूटा बाँध धैर्य का उसको बाँध ना पाओगे,
खेल रहा क्यों धैर्य से मेरे,जीवन भर पछताओगे।2
टिप-टिप रिसता नल से पानी,
उसे पलम्बर बंद करे,
जब रिसता है आंख से पानी,
कौन पलम्बर बंद करे,
रोक लो उठते ज्वार जिगर का,चैन से ना रह पाओगे,
खेल रहा क्यों धैर्य से मेरे,जीवन भर पछताओगे।2
माना तुम हर खेल में माहिर,
छल से बाजी जीत लिया,
खेल समझनेवाले दिल को,
चैन हमारा छीन लिया,
तड़प उठेगी दिल मे एक दिन मगर मुझे ना पाओगे,
खेल रहा क्यों धैर्य से मेरे,जीवन भर पछताओगे।2
प्रेम का दरिया पास हमारे,
उसमें ना अंगार भरो,
छल का ऐ शहजादे अब ना,
अंतिम सीमा पार करो,
अगर प्रेम मिट गया जिगर से अंगारे ही पाओगे,
खेल रहा क्यों धैर्य से मेरे,जीवन भर पछताओगे।2
!!!मधुसूदन!!!
Bahut sunder aur sateek
Sukriya apne pasand kiya aur saraha.
Swagat hai
Haan ab Kya kren pratidin Mai nhi pdh pata to JB kbhi samay milta Hai ek sath pdh leta hu sari rachnayen 😁
Aabhaar aapka👏👏👏