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देख रहा है देश हमारा,राजनीत का मैला खेल,
गिरगिट,चीते,साँढ़,लोमड़ी,भ्रष्ट,पतित,सच्चे का मेल।
जब भी क्षण मतदान के आते,
लोक लुभावन नारे लाते,
एक दूजे को चोर बताकर,
आपस में वे हमें लड़ाते,
हम लड़ते वे जश्न मनाते,
मिलजुल एक ही थाल में खाते,
कहने को बस धुर विरोधी,
मतलब से सब घुलमिल जाते,
उजले कपड़े,काली सोच,
स्याह कोठरी के सब चोर,
एक अदद कुर्सी की खातिर,
बाप को अपने देते छोड़,
यहाँ ना कोई रिस्ते,नाते,
यहाँ ना कोई त्याग दिखाते,
यहाँ न कोई अपना वैरी,यहाँ नही भाई का प्रेम,
देख रहा है देश हमारा,राजनीत का मैला खेल,
देख रहा है देश हमारा,राजनीत का मैला खेल।
!!!Madhusudan!!!
#राजनीति
#politics
(Mrs.)Tara Pant says
यथार्थ चित्रण आज की राजनीति का।
myexpressionofthoughtsblog says
Wonderful words shared with what happened in Maharashtra.
Madhusudan Singh says
Thank you very much for your valuable comments.
myexpressionofthoughtsblog says
My pleasure 😇
ShankySalty says
कास आपकी पंक्तियाँ ये राजनेता लोग पढ़ पाते।
इस से ज्यादा और कुछ नहीं चाहता🙏
Madhusudan Singh says
धन्यवाद आपका। वैसे उन्हें पढ़कर भी समजब नही आती या नेता वे ही बनते हैं जो समझना ही नही जानते।
ShankySalty says
Ek dm sahi kaha😂😂😂😂
aruna3 says
राजनीति तो शतरंज का खेल बन गई है और नेता तो चाल चल रहे हैं दूसरे नेताओं को मोहरा बना के सिर्फ अपने मतलब के लिये।
Madhusudan Singh says
बिल्कुल सही। इनका सिर्फ एक ही काम रह गया है चाल चलना वह भी शतरंज के घोड़े जैसा।
Sikiladi says
एक अदद कुर्सी की खातिर,
बाप को अपने देते छोड़,
यहाँ ना कोई रिस्ते,नाते,
यहाँ ना कोई त्याग दिखाते,
You have presented a very true picture of our times.
Madhusudan Singh says
Thank you very much for your valuable comments.
Sngms says
👍
Madhusudan Singh says
👏👏
Rekha Sahay says
दुखद स्थिति का सही चित्रण .
Madhusudan Singh says
सुक्रिया आपका पसन्द करने और सराहने के लिए।