POLITICS/राजनीति

जनता की खुशियां ना तुम्हें पसंद है,ना ही उन्हें खुशहाल करने की मेरी कोई मंशा,तेरी मेरी हमदोनों की ख्वाहिशें एक,कैसे कुर्सी को पाऊं।बह रहे हैं रक्त अब भी,कल भी लहू ही बहेगा,पीस रहे हैं गरीब अब भी,कल भी गरीब ही तड़पेगा,कुछ नही बदला,कल में और आज में,ना ही कुछ कल बदलने वाला,तख्त वही,ताज भी वही होगा,बदल […]

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BAHRUPIA/ बहरूपिया

उसे तख्त के लिए तेरा वोट चाहिए,और उसे पाने के लिएवो कुछ भी करेगा।उसे तनिक भी फिक्र नहीं तेरे जाति,धर्मया तेरी खुशहाली का,मगर वो सिर्फ तेरा है,ऐसा स्वांग रचेगा।दिखलाएगा तुझे तेरे आसपास,तेरे अपनों में ही तेरे दुश्मनों का अक्स,वो नफरत का पुनः खड़ा एक दीवार करेगा,रह जायेंगे फिर तेरे धरे के धरे तेरे ज्ञान और […]

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Politics/राजनीत

मेरे हर समस्याओं का निदान है पास तेरे,परंतु मैं समस्याएं गिनाऊँ ये तुम्हें पसंद नही,मेरे कुछ भी लिखने,बोलने,पूछने,गाने से,हिल जाता है तख्त तेरा,हम कुछ भी बोलें,लिखें, गाएं,ये तुम्हें पसंद नही।मैं मूक रहूं और भूखा मरूं,या करूं सवाल और हवालात पाऊं ?ऐसे कब तक करूं तेरे खोखले वादों का यशोगान ?टूटता समाज और गौरवान्वित तुम,अपनी स्वार्थ […]

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Qaidi/कैदी

ऊँची चाहरदीवारी,जड़े ताले किवाड़जहाँ पग-पग खड़े पहरेदार देखते हैं,कैदी हूँ,कैद से निकलना है मुश्किल,झरोखे से खुला आसमान देखते हैं।चुनकर जिसे मन ही मन हमने ऐंठा,सच है वही तख्त पर आज बैठा,फिर क्यों हम खुद को बेहाल देखते हैं,कैदी हूँ,कैद से निकलना है मुश्किल,झरोखे से खुला आसमान देखते हैं।महंगी बढ़ी घर में रोती है सजनी,उजड़ा व्यापार […]

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