Dosti/ दोस्ती

Happy Friendship day.
जितना सोचूं, जितना याद करूं,
दिल उतना ही विस्तार लेता,
प्रेम से लबालब,
असीमित,
अथाह,
पाने को सानिध्य,
उठती जिसमें प्रेम की ऊंची ऊंची लहरें,
किस किस ने ऐसा पारावार देखा।
दौलत अकूत कहीं
दाने दाने को मोहताज,
दोस्ती की देते जिसकी सभी ही मिसाल,
वो ना मैं सुदामा,
ना ख्वाहिश उस श्याम की,
आप मिल गए शायद कृपा है प्रभु राम की,
गंगा सा निर्मल,सावन सा पावन,
मैने तो तुझमें वो प्यार देखा,
जीवन की दौड़ में,नफरत के दौर में,
किस किस ने ऐसा पारावार देखा,
किस किस ने ऐसा पारावार देखा। !!!मधुसुदन!!!
Beautiful lines happy friendship day ☺️
Your words are so pure and just like friendship your poem is so pious and sweet. Loved reading it.
Thank you very much for your appreciation.🙏
बहुत अच्छी रचना है भाई साहब 🙏🙏 नमस्कार
नमस्कार भाई जी। बहुत बहुत धन्यवाद आपका।🙏
बहुत खूबसूरत और भावपूर्ण लेख! दोस्ती का महत्व और प्रेम की मिसाल के बारे में बढ़िया व्यक्त किया है। इसमें संस्कृति और रूपकों का सुंदर उपयोग है। आपका शब्दों का जादू दिल को छू गया। आपके साथ इस सफल परिवार का हिस्सा होना अच्छा लगा। धन्यवाद और आपको भी दोस्ती दिवस की शुभकामनाएं! 🌸
बहुत बहुत धन्यवाद आपका। जहां हर बात दिल खोलकर कह दे हम वो मित्र ही है। शुभकामनाएं।❤️
Nice lines👍
Thank you very much.