MAA/माँ
इंसान अपने संग जुड़े
सभी लोगों की आकांक्षाओं एवं उम्मीदों को
पूरी करने में
सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर देता है
फिर भी इस दुनियाँ में
कोई खुश नहीं होता,
सबकी आशा,उम्मीदें एवं शिकायतें
निरंतर बढ़ती जाती है,
मगर
इन सबों के बीच एक रिस्ता ऐसा भी है
जिसे हमसे कोई शिकायत नहीं,
अगर होती भी होगी तो
मालुम नहीं,
लोग रिस्ते में उसे माँ कहते हैं।
माँ,
माँ वो फरिस्ता है
जिससे सन्तान वर्षों बाद भी मिले फिर भी
उसे कोई शिकवा नहीं होती,
उसकी तो,
संतान के आहट मात्र से ही
सूखी हड्डियों में
नयी ऊर्जा सी आ जाती है
और दौड़ पड़ती है उसकी प्रेम में,
सन्तान बदसूरत हो,अपंग हो,पागल हो,
या बहुत बड़ा आदमी,
वो उसे याद करता भी है या नहीं
मतलब नहीं
मगर माँ एक पल को भी भूल जाए
ये मुमकिन नहीं,
मैं खुश रहूँ बस यही दुआ
जुबाँ पर हर बार रखती है,
माँ,
फटे आँचल में भी
देने को शेष प्यार रखती है,
बड़े बदनसीब हैं फिर भी वे संतान
जो ऐसे भगवान् पर भी ना
ऐतबार रखती है।
!!!मधुसदन!!!
sabhee logon kee aakaankshaon evan ummeedon ko
pooree karane mein
samoorn jindagee samarpit kar deta hai
magar is duniyaan mein ant tak
koee bhee khush nahin hota,
sabakee aasha,ummeed evan shikaayaten
nirantar badhatee jaatee hai,
magar
in sabon ke beech ek rista aisa bhee hai
jise hamase koee shikaayat nahin,
agar hotee bhee hogee to
nahin maalum,
riste mein log use maan kahate hain.
maan,
maan vah pharista hai
jisase santaan varshon baad bhee mile phir bhee use
koee shikaayat nahin hotee,
santaan ke aahat maatr se hee
usakee sookhee haddiyon mein
nayee oorja aa jaatee hai aur
daud padatee hai usakee seva mein.
santaan badasoorat ho,apang ho,paagal ho,
ya bahut bada aadamee,
vo use yaad karata bhee hai ya nahin
koee matalab nahin
magar maan ek pal ko bhee bhool jae
ye naamumakin hai.
main khush rahoon bas yahee dua
jubaan par har baar rakhatee hai,
maan,
phate aanchal mein bhee
dene ko shesh pyaar rakhatee hai,
bade badanaseeb hain phir bhee ve santaan
jo aisey bhagavaan par bhee na
aitabaar rakhatee hai.
!!!Madhusudan!!!
धन्यवाद।
माँ की महत्व को बहतरीन ढंग से लिखें हैं।
बधाई हो।
इस कविता को अपनी परिवार से जरूर शेयर करूंगी।
✌️👍👌👏👏👏💐
बहुत खुशी हुई ये जानकर की आपको ये रचना इतनी पसन्द आई।👏👏👏
माॅ। 🙏🙏🙏🙏🙏
👏👏👏
Beautiful tribute for one of the beautiful relations in everyone’s life.
Thank you very much for your appreciations.
फटे आंचल में भी देने को शेष प्यार रखती है… वाह। क्या खूब परिभाषा है मां की 👌
माँ तो माँ है ।जितना भी लिखा जाए कम है।आभार आपका।
माँ लफ्ज ही हर दर्द की दवा है,समझ ना पाये जो वो नादान है।बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने।
माँ नाम ही पर्याप्त है।।।।सुक्रिया आपने पसन्द किया और सराहा।👌👌
Most welcome,dear!!
Beautiful poem. A relationship that doesn’t require anything in return
Absolutely….Thanks for your valuable comments.
Beautiful.
Dhanyawad apka sarahne ke liye.