Mahatvkanksha/महत्वकांक्षा
मानव करता उत्तपात मगर,
चट्टान पिघलते देखा है,
होते हैं जब इंसान दुखी,तब मेघ बरसते देखा है|
जलचर,नभचर संग जीव सभी,
मानव का साथ निभाते हैं,
पर खेद हमें अपनों पर है,
जो इनको रोज मिटाते हैं,
नदियां कहती आ पास मेरे,
मीठे जल तुझे पिलाऊंगी,
गैया कहती आ पास मेरे,
मैं तुझमें यौवन लाऊंगी,
ये पवन मचलता और कहता,
आ भर लो मुझको साँसों में,
कहता है बृक्ष ज़रा थम जा,
आजा रख लूँ मैं छांव में,
ममता सबका है साथ मगर,
इनको कब प्रेम से देखा है,
पर होते जब इंसान दुखी,तब मेघ बरसते देखा है|
सब जीव कहे ना मार मुझे,
क्यों दुश्मन हमें समझते हो,
जो पास हमारे तुम ले लो,
क्यों जान के दुश्मन बनते हो,
ऐ मानव खड्ग उठा लेना,
जब भूख से बेबस जन होगा,
तुम मेरी बलि चढ़ा देना,
जब धरती पर ना अन्न होगा,
हम क्षुधा मिटायेंगे मिटकर,
पर ऐसे ना तुम मार मुझे,
हम भी तो तेरे अपने हैं,
दुश्मन अपना ना मान मुझे,
पर बहरे हम कब सुन पाये,
कब इनके गम को देखा है,
पर होते जब इंसान दुखी,तब मेघ बरसते देखा है|
अब वो दिन दूर नहीं हमसे,
जब जीव विहीन जगत होगा,
नदियाँ होंगी पानी के बिन,
धरती भी मरुस्थल होगा,
ना बृक्ष रहेगा दुनियाँ में,
ना गौ माता रह जायेगी
पर्वत होंगे समतल सारे,
विषाक्त हवा हो जाएगी,
फिर बिन पानी ऐ मानव सुन,
कैसे तुम प्यास बुझओगे,
जब हवा ना होगी तो पलभर,
क्या तुम जिंदा रह पाओगे,
ऐ इंशां दुश्मन सृष्टि को,
ना कभी तड़पते देखा है,
पर होते जब इंसान दुखी,तब मेघ बरसते देखा है|
पर होते जब इंसान दुखी,तब मेघ बरसते देखा है|
!!!मधुसूदन!!!
बहुत सुंदर शब्दों में भविष्य चित्रित किया है।
sukriya apka sarahne ke liye….vartman dekhkar to aisa hi lagta hai.
पर होते जब इंसान दुखी,तब मेघ बरसते देखा है|
पर होते जब इंसान दुखी,तब मेघ बरसते देखा है|
वाह सर वाह पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हु मज़ा आ गया पढ़कर 👏👏👏👏👏
सुक्रिया आपने पसंद किया और सराहा साथ ही हौसला बढ़ाने के लिए धन्यवाद आपका।
उम्दा ।
Sukriya apka..
एकदम सटीक बात कही है ,आज मानव प्रकृति के साथ खिलवाड़ जो कर रहा है ….. बहुत बढिया
Dhanyawad apka pasand karne aur sarahne ke liye…
बहुत हृदयस्पर्शी मार्मिक सत्य
Sukriya apka…swagat apka.
बड़ी खूबसूरती से आपने अपनी बात कही है . मुझे ये लाईन सटीक लगी —
पर खेद हमें अपनों पर है,
जो इनको रोज मिटाते हैं,
Bahut bahut dhanyawad apka…
welcome Madhusudan !
sach kaha aapne.
Sukriya apka….
बहुत अच्छे शब्द है
Sukriya apka…..
अद्भूत प्रस्तुतिकरण
एक एक शब्द अनमोल
Bahut bahut dhanyawad Nageshwar ji.
👌👌👌
👏👏sukriya apka