Saathi Re
जबसे मैने होश सम्हाला,
कदम गली में पहला डाला,
कंधे पर जो हाथ पड़ा बन बैठा साथी रे,
भूल नहीं सकते यारा,है याद सताती रे।
याद हमें पत्थर की गोटी,
याद है गिल्ली-डंडा,
याद हमें वह साथी,
जिसके साथ में खेले अंटा,
लुक्का-छिपी,चोर-सिपाही,
याद है खेल कबड्डी,
भूल नहीं सकते वो साथी,
जो बचपन का संगी,
तन के कपड़े छोटे होते,
जब-जब बिकसित होते,
जगह बदलता यार बदलते,
जी भरकर हम रोते,
मजबूरी,हालात में बिछड़ा संगी,साथी रे,
भूल नहीं सकते यारा,है याद सताती रे।
यौवन में यौवन के साथी,
आज भी साथी मेरे,
मतलब से कुछ बिन मतलब के,
साथ हैं मुझको घेरे,
इंटरनेट के दौर में वो दिन,
कहां है मेरे यारा,
कहने को साथी हजार पर,
साथ कौन है यारा,
सागर से मोती ढूंढा,
कीचड़ से कमल निकाले,
बिछड़ गए वो साथी मेरे,
कुछ हैं साथ हमारे,
इंटरनेट पर ढूँढू तुझको,बिछड़ा साथी रे,
भूल नहीं सकते यारा,है याद सताती रे।
मखमल सी है याद तुम्हारी,
फूल सी खुशबू तेरी,
आज भी गूंज रही है तेरी,
कोयल जैसी बोली,
जेठ की तपती धूप बने हम,
तुम स्वाति की बूंदे,
याद तुम्हारी अब भी आती,
उड़ जाती है नींदे,
सुंदर है संसार ये आंखे तुझे बुलाती रे,
भूल नहीं सकते यारा,है याद सताती रे।
“कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके अपने खास दोस्त संसार मे ही नही हैं–अंतिम पारा उनको समर्पित।”
!!! मधुसूदन !!!
इससे अच्छी कोई रचना हो सकती है मित्रता की
सोचनीय विषय है मित्र शब्द नही है मेरे पास प्रशंसा के शुभरात्रि
धन्यवाद मित्र इतनी बड़ी प्रशंसा के लिए।शुभरात्रि।
Wow . Wonderfull Mausha ji
Dhanyawaad…
Bahut badia sir
Sukriya apka…
Lovely
Sukriya….
Wah sir g wah
Sukriya apka…
बहुत खूब बहुत ही अच्छा लिखा है आपने। आपके कविता में हमेशा पुराने एहसास होते हुए भी नयापन झलकता है। बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति हुई है कविता में। एक बात पूछना चाहती हूं। हिंदी कविता में अंग्रेजी में शिर्षक क्यों लिखते हैं।
धन्यवाद आपका अपने पसंद किया और सराहा।अंग्रेजी शीर्षक का लिंक चेंज आसानी हो जाता है।
Bahut hi sundar kavita purani yaaden tazi ho gai . Happy friendship day
धन्यवाद आपका।आपको भी हैपी फ्रेंडशिप डे।
सुक्रिया आपका।
आपकी कविता ने बचपन की याद दिला दी . बड़ी प्यारी कविता है.
Apka bqchpan yaad aa gayaa jankar achchha lagaa…sukriya pasand karne ke liye…
😊😊
happy friendship day apko bhi
apki kavetaye bahut hi pyari he
Dhanyawad apka..
Happy to have a great poet as a friend and yes a lot of friends we get at various stages in life and meeting and talking to each one of them brings back unique memories. Happy friendship day Madhusudanji.
Thank you very much Sunith ji & I proud that you are my friend…
Happy Friendship day aapko bhi…