दया नहीं धर्म कहां प्यार होता है,
मतलब सियासत का यार होता है।
सपने,हंसी सब,
पल भर का मेहमाँ,
इंसाँ का ख्वाब,
तार-तार होता है,
मतलब सियासत का यार होता है।
दोस्त का दोस्त भी,
दोस्त है जहान में,
प्रेम दया धर्म सब,
रहता इंसान में,
दुश्मन का दुश्मन यहां यार होता है,
मतलब सियासत का प्यार होता है।
लैला और मंजनू सी,
कहने को यारी,
जाति,धर्म,मजहब से,
झूठी है यारी,
अंदर ही अंदर टकरार होता है,
मतलब सियासत का यार होता है।
काजल की कोठरी में,
कालिख से खेल रहे,
फिर भी एक दूसरे को,
दागी हैं बोल रहे,
भ्रस्ट यहां कौन नहीं,
कौन पाक-साफ है,
सबके खजाने में,
दौलत का नाग है,
डंसते उसको भी जो खास होता है,
मतलब सियासत का यार होता है।।
आओ मिलकर प्यार बेसुमार करेंगे,
गम मिटाकर उसमे हम बहार भरेंगे,
गंदी बात लब पर फिर भी प्यार करेंगे,
जा रहे हो हम भी इंतेज़ार करेंगे,
वेवफा तू फिर भी इंतेज़ार करेंगे।
!!! मधुसूदन !!!
👉Jyoti❣ says
क्या खूबसूरती से बयाँ किया हैं आपने मधु सर…hats off🙏🙏
katakshh says
Waah…. दुश्मन का दुश्मन यहां यार होता है, मतलब सियासत का प्यार होता है।