Ek JAWAAN EK KISAN
भारत माँ के दो संतान एक जवान एक किसान, दिन-रात में भेद न जाना,एक जवान एक किसान। शरहद पर एक अड़िग खड़ा, पर्वत भी रोज खिसकता है, देश प्रेम में हरपल जान, हथेली लेकर चलता है, गर्मी,सर्दी,बारिश का पल, पर्वत जैसे सहता है, हाड-मांस के पुतले को, पाषाण बनाकर रखता है, पता नहीं पहले क्या […]
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