Jindgi ka Khel/जिंदगी का खेल

Image Credit :Google मुस्कुराहट तो उसी दिन खो गई, जब बचपन छोड़ गई थी, अब तो आँसू पोंछ मुस्कुरा लेते हैं दर्द लाखों हैं फिर भी खुश हूँ सबको बता देते हैं, अगर सच्चाई बयान करें तो, कितना बदल गया लोग बोल देते हैं, और झूठ का हँसे तो, संग अपनी मजबूरियाँ जोड़ देते हैं, […]

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MUSKAAN/मुस्कान

Image Credit : Google. है जीवन अपना दो दिन का हँस ले इसमें है रोना क्या, कुछ लेकर आये ना जग में फिर खोना क्या, क्या लेकर आये थे फिर यारा रोना क्या। संग बचपन था कल चला गया, यौवन भी छोड़ के जाएगा, जो हँसकर आये पास मेरे, एक दिन वह रूठ के जाएगा,, […]

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Karm aur bhagya

एक लेकर आया जग में चम्मच सोने का, दूजा टीन का, एक बन बैठा था शहंशाह के जैसे जग में, दूजा हीन सा।। एक निसदिन इंच खिसकते,अहम में चूर थे, दूजा कर्मपथ पर,हर पल ही मशगुल थे, कर दी उसने सत्यानाश,उँच बड़ेरी खोखड़ बाँस, मगर ज्ञान ना आई लग गई,पाँव में बेड़ी,गर्दन फाँस, वे ज्ञान […]

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BHUKH

सेज सजी मखमल की फिर भी नींद नहीं है आती, थाल सजी छत्तीस ब्यंजन पर भूख नहीं ला पाती। आह निकलती निर्धन की, उस ब्यंजन से उस बिस्तर पर, भूख लगे कैसे धनिकों को, नींद लगे फिर मखमल पर, महलों में ना चैन किसी को, ना सुकून मिलता है, देख सको तो देख लो, निर्धन […]

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