Kasak/ Jag ki Trishna
हम कहां से कहाँ आ गए जिंदगी कुछ पता ना चला, कब मिली ये ख़ुशी ख़ुदकुशी बन गयी कुछ पता ना चला।। हम मुशाफिर सफर यूँ हीं चलता रहा, बिन थके यूँ सफर संग मचलता रहा, प्यास मंज़िल की थी पर सफर कम नहीं, स्वर्ग मंजिल हंसी,तो सफर कम नहीं, मैं चलता रहा यूँ […]