Samjhauta
Image credit:Google जख्म गहरे मगर मुश्कुराते रहे, हंस के हर दर्द दिल में दबाते रहे, भूल की थी किसी पर यकीन कर लिया, अब कदम यूँ सम्हलकर बढ़ाते रहे, जख्म गहरे मगर मुश्कुराते रहे।।1।। आज भी याद में उसका चेहरा बसा, लब थिरकते मगर कैसा पहरा लगा, हम हंसे पर निगाहें उसे ढूढती, स्याह रातों […]
Posted in DIL49 Comments on Samjhauta