नए साल का पहला ख्वाब

काश! कपट छल कम हो जाते,स्वार्थ हृदय से खत्म हो जाते,
छट जाते बादल नफरत के,बहते दिल से प्रेम बयार,
यही आस,उम्मीद,याचना,नए साल का पहला ख्वाब।
क्षणभंगुर जीवन राही अनजान सफर है,
कौन यहां पल अंतिम किसका,किसे खबर है,
आ पग चिंता त्याग बढ़ाना,हर पल नूतन वर्ष मनाना,
हम खुश रहते,तुम मुस्काते,खुश रहता सारा संसार,
यही आस,उम्मीद,याचना,नए साल का पहला ख्वाब।
मानव जाति एक,एक ही सबका रब है,
जाति,धर्म का भेद,यही नफरत की जड़ है,
हम मटमैले छोड़ विचार,संकीर्णता की तोड़ दीवार,
अब मानवता धर्म निभाते,सबको हंसकर गले लगाते,
बदलते जीने का अंदाज,
यही आस,उम्मीद,याचना,नए साल का पहला ख्वाब।
यही आस,उम्मीद,याचना,नए साल का पहला ख्वाब।madhureo.com
Very nice.
Ati sundar vichaar hai aapke, Madhusudan ji. Excellent👍👍 ❤❤❤❤. Aapke khwaab saare pure ho jaaye yehi prarthana karti hun.
Aap bahut hi achche insan hain…..ishwar aapko sadaiv khush rakhe….aapkaa nav varsh mangalmay ho.🙏
अतिसुंदर मनभावन वर्णन,,व भावनात्मक पवित्र कल्पनाएं,,जो वास्तविक रूप धारण कर ले तो वसुंधरा,, स्वर्ग बन जाए,💐💐💐 नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं भाई साहब 🙏
बहुत बहुत धन्यवाद एवम नव वर्ष आपका भी मंगलमय हो। जिंदादिल इंसान किसी को कहते हैं तो वे आपके जैसे ही होंगे।🙏
Wow thank you. That means a lot . Thank you so much 🙏
आपका स्नेह है भाई साहब,,आप स्वयं संवेदनशील,, उर्जात्मक एवं मेरे लिए प्रेरणास्रोत हैं 🙏 हमारा संबंध ऐसे ही सुगंधित रहे,, आभार आपका आदरणीय
उम्मीद है कि आपके ख्वाब सच हो। यही मेरी आशा है। 👍💐
बहुत बहुत धन्यवाद एवम नव वर्ष आपका मंगलमय हो।