DUAYEN/दुआएं

तप तप कर धूप में संघर्षों के निखरती रही,लोग परेशान मगर हंसती रही,चलती रही शूल भरी राहों में,खुशियां मजबूर,समाती रही उसकी बाहों में,कांटों भरा सफर,बिस्तर गुलाब का,बेखबर उसके दर्द से,मगर ख्वाहिश सबकी आज वैसे ही मुस्कान का।दो अक्षरों का नाम ध्रुव,उपेक्षित,तिरिष्कृत अपनों सेमगर हीनता से परे अनवरत संघर्षरत,चमकता आसमान में,दो अक्षरों में ही सिमटी सुमा,किस किस […]

Posted in Hamaara Samaaj, Hindi PoemTagged 10 Comments on DUAYEN/दुआएं