CHALLAN AUR GAON/चालान और गाँव
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रहम ना जाने नियम,लोभ भी,अब बचना दुस्वार बा,
सम्हल के जईहे बबुआ आगे तत्तपर हवलदार बा।
बा-मुश्किल दोपहिया टूटल,
लेकर रखनी द्वार पर,
कभी कभी हमहूँ इतराएब,
चढ़ के अपन जहाज पर,
अरमां सब मन में कुम्हिलाईल
अब कैसे ससुरारी जाईब,
कैसे दुलहिन हाट घुमाईब,सांसत में ई प्राण बा,
सम्हल के जईहे बबुआ आगे तत्तपर हवलदार बा।
आईल बा कानून नया मोटर के,
और त्योहार भी,
फाटल कुर्ता,फाटल धोती,
पीछे पड़ल अकाल भी,
जेब में नईखे फुटल आना,
कहाँ से भरब हम जुर्माना,
दस,बीस से काम चली ना,सूना आपन खलिहान बा,
सम्हल के जईहे बबुआ आगे तत्तपर हवलदार बा।
गाड़ी के जितना बा दाम,
ओकरा से दुगुना चालान,
अपन दशहरा फीका होई,
उनकर उगिहें दिन में चाँद,
जा पहिले कागज बनवाव,
हेलमेट,जूता कहीं से लाव,
नौकरशाही मस्त,पस्त जन,आईल मोदी राज बा,
सम्हल के जईहे बबुआ आगे तत्तपर हवलदार बा।
गावों का ई देश है भारत,
गाँवों के हैं रीढ़ किसान,
देख ले उनकी हालत कैसी,
सुनी आँगन गुम मुस्कान,
पहले से संकट था जारी,
आईल फिर एक संकट भारी,
खाद,बीज लाने का वाहन,दो पहिया बीमार बा,
सम्हल के जईहे बबुआ आगे तत्तपर हवलदार बा।
!!!मधुसूदन!!!
सन्देश:
दो रोटी कम खाईये,
गाड़ी रखा है तो कागजात जरूर बनवाईये,
दहशत है चालान की मगर ये भी सच्चाई है,
जूते,हेलमेट की अहमियत उनसे पूछो जिसे,
दुर्घटना से इस हेलमेट ने ही जान बचाई है।
हेलमेट पुलिस से बचने के लिए नही,
खुद को बचाने के लिए खरीदना,
दुर्घटना बोलकर नही आती,
हमने खेत और खलिहान भी बिकते देखे हैं,
मतलब हेलमेट बढ़िया वाला खरीदना।
मैं शहर में रहता हूँ,
गाँव में भी एक बाईक है तथा हेलमेट भी,
मैं बिना हेलमेट के एक कदम भी नही चलता,
आपका क्या विचार है?
👌👌👌
मगर ये कानून पुलिस वालों पे लागू क्यों नहीं होता?
हमारा गलती तो इंसाफ
तुम्हारा गलती तो गिनकर पच्चास जूते।😀
😂😂😂😂😂😂😂
😁😁
😂😂😂😂😂😂😂😂😂
सम्हल के जईहे बबुआ आगे तत्तपर हवलदार बा।
👌🏻👌🏻👌🏻
आपन माटी के सुगंध में सनाईल एक ज़ोरदार रचना..!👌🏻👌🏻🙏🏻
हा हा हा। माटी के सुगन्ध जरूरी रहे। आपन माटी के का कहे के।
जी बिलकुल😁
Had se zyada niyam toot te hai to hi sakht nitam bante hai.
.
Wo niyam hi kya jo sakht naa ho…….abhi bahut saare niyam hain jisey shakht karne ki jarurat hai.
We take rules so lighty,so we ourselves bound autority to impose hard to harder rules on us.
बेहतरीन कटाक्ष सर जी , वर्तमान वस्तु स्तिथि पर ।
Ham log aanewale durghatana ya us-se honewala maut se nahi, agey rastepar khada havildar se dar se hai.
सम्हल के जईहे बबुआ आगे तत्तपर हवलदार बा।
Bilkul sahi….ham bina dar ke koyee kaam nahi karte….. atah hamen daraanaa jaruri hai.
बहुत ही बढ़िया चित्रण किया है सरकार की नीति , लोगों की आदत और उनका दुष्प्रभाव सब एक साथ !बहुत बढ़िया 👌
बहुत बहुत धन्यवाद आपका पसन्द करने और सराहने के लिए।
😊😊😊
अब कैसे ससुरारी जाईब…. इस लाइन का अलग ही फैन बेस है😂
👌👌👌👌बहुत खूबसूरत रचना वह भी अपनी भाषा में 💜
मजा आ गईले …भईयऊ अपने मोदिया के राज में 😀
पाकिस्तान बा पगलान , खायें के टिमाटर नाही घर में 😂
कशमीर अब भईले आपन नाही कोनो परेशानी ☺
56 इंची सीना देखिल , मोदिया भगवाधारी 😍
अपनी हर क्षेत्रीय भाषा का मजा ही कुछ और है। वैसे कमाल का आपने लिखा है जिसे पढ़ ये विचार आया और कविता बन गयी। बहुत बहुत धन्यवाद आपका अपना बेशकीमती समय निकालने के लिए।
Sir, kya toh likha hai aapne, maza hi aa gya padhke 🙌
Bahut bahut dhanyawad apka…. waise majaa hamen bhi aayaa jab likhkar padhaa…punah dhanyawad apka.
बहुत बढ़िया कटाक्ष –
गाड़ी के जितना बा दाम,
ओकरा से दुगुना चालान,
☺☺☺👌👌😘
हा हा।।। सच्चाई यही है। वो कानून ही क्या जो कठोर ना हो। मगर हमलोग परेशान हैं। खुद की जिम्मेवारी का कभी ख्याल ही नही आया। जब दुर्घटना हो जाती है तब कुछ देर आंसू बहा लेते हैं फिर वही बात। सुक्रिया आपका।