DUAYEN/दुआएं

तप तप कर धूप में संघर्षों के निखरती रही,
लोग परेशान मगर हंसती रही,
चलती रही शूल भरी राहों में,
खुशियां मजबूर,
समाती रही उसकी बाहों में,
कांटों भरा सफर,बिस्तर गुलाब का,
बेखबर उसके दर्द से,मगर ख्वाहिश सबकी 
आज वैसे ही मुस्कान का।
दो अक्षरों का नाम ध्रुव,
उपेक्षित,तिरिष्कृत अपनों से
मगर हीनता से परे अनवरत संघर्षरत,
चमकता आसमान में,
दो अक्षरों में ही सिमटी सुमा,
किस किस ने जाना,
इसके भी संघर्ष,परिश्रम और त्याग!
किस किस ने जाना,किस किस ने किया इसका भी उपहास,
आज खुशबू बिखेरती मेरे परिवार में,
मांगते दुआएं हम अपने इष्ट से,
और है यकीन,
चमकेगी वो भी एक दिन,
ध्रुव की तरह इस जहान में,ध्रुव की तरह इस जहान में। !!!मधुसुदन!!!

आप सदैव खुश रहे।मेरे तरफ से भी आपको जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

हर जन्मदिन के साथ एक नई पारी की शुरुआत करना,
भूल सारे शिकवे,गम,आप सबसे प्यार करना।

@Suma Reddy

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