इस गुलशन के बिराने में,ये मेल हमारा कैसा है
संयोग कहें या रब जाने,दो दिल एक जान के जैसा है |
एक नजर में तुमसे प्रेम हुआ,
दिल छोड़ के तेरा हो बैठे,
ऐ प्रियतम मुझमें तुम, तुममें
अपने संसार को खो बैठे,
जब नजर मिली खामोश जिगर,
जीने एक आधार मिला,
हम छोड़ चुुके अपनी दुनिया,
दोनों को एक संसार मिला,
मैं किश्ती तुम पतवार बने,
मैं बृक्ष तू मेरी डाल हो,
ऐ मेरे जीवन साथी सुन,
मैं नदी तू धार हमारी हो,
मैं धरती तुम अम्बर जैसे,मैं फूल तू खुशबु जैसा है,
संयोग कहें या रब जाने,दो दिल एक जान के जैसा है |
कल क्या होगा किसने देखा,
दरिया में आज उतरने दे,
अनजान सफर के हम राही,
संग कदम मिलाकर चलने दे,
धर धीर अधीर ना कर मन को,
अभी और हवा में रहने दे,
अनजान सफर के हम राही,
अनजान सफर में रहने दे,
मंजिल की दिल में प्यास गजब,
दो दीप जले एक लौ निकली,
जैसे सागर से एक नदी,
सब तोड़ ताड़कर बांध मिली,
एक जलती दीपक की बाती,
दूजा उस तेल के जैसा है,
तबतक है मोल दिए का जबतक,
तेल के संग में बाती है,
बाती भी जलती है तबतक,
जब तेल में रहती बाती है,
लौ प्रेम का जलता एक प्रमाण,ये दीपक जग के जैसा है,
गर तेल मिटा उस बाती संग,जग बुझते दीपक जैसा है,
संयोग कहें या रब जाने, दो दिल एक जान के जैसा है |
!!! मधुसूदन !!!
gauravtrueheart says
वंडरफुल
Madhusudan says
आपके हौसला बढ़ाते शब्दों के लिए जितना भी आभार ब्यक्त करूँ काम होगा—–सुक्रिया आपका।
Confused Thoughts says
Umda panktiyon ka upyog
Madhusudan says
Hausla badhane ke liye sukriya….
Nimish Singh Parihar says
Bahut shandar sir..
Madhusudan says
Thank you very much
Nimish Singh Parihar says
Most Welcome sir..
Alfaazon ki udaan says
Bfully written Madhusudan ji😊
Madhusudan says
Thanks for your appreciation….
soniritu470 says
वाह बहुत अच्छा
Madhusudan says
Sukriya soni ji