HINDI HAMARI JAAN/हिंदी हमारी जान
हिंदुस्तान में रहते गर्व से कहते खुद को हिन्दुस्तानी,
हिंदुस्तान में रहकर कैसे,गौरवान्वित है इंग्लिश वाणी।
कदम-कदम पर खान-पान,
हर कदम अलग सा भाषा है,
रंग बिरंगे उत्सव का संगम,
भारत कहलाता है,
उन्नीस सौ उन्चास में फिर भी,
हिंदी को सम्मान मिला,
संबिधान भारत का इसको,
राष्ट्रभाषा स्वीकार किया,
फिर हम उन्नीस सौ तिरपन से,
हिंदी दिवस मानते हैं,
भारत के सब फूल जोड़कर,
माला एक बनाते हैं,
मगर दुःख इस भाषा को है,
अपने ही रखवालों से,
पूछ रही है प्रश्न कई ये,
अपने ही घरवालों से,
विकसित अंग्रेजी के संग,अविकसित कैसे हिंदी वाणी,
हिंदुस्तान में रहकर कैसे,गौरवान्वित है इंग्लिश वाणी।
उपमा,अलंकार और छंद,
हिंदी के हैं रूप अनंत,
रस से भरी है हिंदी रानी,
कहाँ है इतनी मीठी वाणी,
मगर फूहड़ता इंग्लिश देखो,
सब की बन बैठी है रानी,
भूल गए हम शिष्टाचार,
हेलो, हाय में बिछड़ा प्यार,
आओ खुद पर गर्व करे हम,
विकसित कैसे आ समझे हम,
आओ मिलकर हमसब बोले,अब से अपनी हिंदी वाणी,
हिंदुस्तान में रहकर कैसे,गौरवान्वित है इंग्लिश वाणी।
सब देशों को गर्व जगत में,
अपनी-अपनी भाषा पर,
हम इतराते बोल-बोल,
उस सौतन इंग्लिश भाषा पर,
फ्रेंच बोलता फ्रांस,
जर्मनी को अपनी भाषा प्यारी,
रशियन रुसी भाषा बोले,
चीनी को चीनी प्यारी,
सब कुछ देख के अज्ञानी
हम हिंदी नहीं समझते हैं,
पश्चिम की भाषा पर कैसे,
हम इतराते रहते हैं,
आओ प्रेम वतन से कर लो,
रोटी यहीं की खाते हम,
क्यों अंग्रेज बने फिरते,
आ हिंदी जश्न मनाले हम,
हेलो, हाय छोड़ जुबाँ से बोल नमस्ते हिंदी वाणी,
हिंदुस्तान में रहकर कैसे गर्व करें हम इंग्लिश वाणी|
!!! मधुसूदन !!!
Beautiful poem and very true
Thank you very much for your appreciations.
It’s beautifully written!! I like the idea of celebrating Hindi Divas via writing!
Charu
Thank you very much for your appreciation…..
हिंदी की समृद्धि हेतु प्रयत्नशील आपके कलम को सलाम करता हूँ
सुक्रिया पवन जी साथ ही आपसे भी आशान्वित हूँ।