KYA JAANE THAG PREET/क्या जाने ठग प्रीत
क्या फर्क अगर मैं हूँ ना हूँ,
वे दिल अपना बहला लेंगे
गिरगिट क्या रंग दिखाएंगे,
रंगों की झड़ी लगा देंगे।
छल से मन जिसका भरा हुआ,
वे प्रेम का मतलब क्या जाने,
जिनकी बुनियाद ही झूठी हो,
जज्बात भला क्या पहचाने,
है स्वार्थभरा तन-मन जिनका,
वे प्रेम को क्या पहचानेंगे,
क्या फर्क अगर मैं हूँ ना हूँ,
वे दिल अपना बहला लेंगे।
वे खेल समझते जिस दिल को,
उस दिल से दुआ निकलती है,
आँखों में अब भी रूप बसा,
मोती बन रोज छलकती है,
जा तुझे मुबारक जग तेरा,
तुम हंसकर जहां बसा लोगे,
क्या फर्क अगर मैं हूँ ना हूँ,
तुम दिल अपना बहला लोगे।
क्या फर्क अगर मैं हूँ ना हूँ,
तुम दिल अपना बहला लोगे।
!!!मधुसूदन!!!
ve dil apana bahala lenge
giragit kya rang dikhaenge,
rangon kee jhadee laga denge.
chhal se man jisaka bhara hua,
ve prem ka matalab kya jaane,
jinakee buniyaad hee jhoothee ho,
jajbaat bhala kya pahachaane,
hai svaarthabhara tan-man jinaka,
ve prem ko kya pahachaanenge,
kya phark agar main hoon na hoon,
ve dil apana bahala lenge.
ve khel samajhate jis dil ko,
us dil se dua nikalatee hai,
aankhon mein ab bhee roop basa,
motee ban roj chhalakatee hai,
ja tujhe mubaarak jag tera,
tum hansakar jahaan basa loge,
kya phark agar main hoon na hoon,
tum dil apana bahala loge.
kya phark agar main hoon na hoon,
tum dil apana bahala loge.
!!!Madhusudan!!!
जिनकी बुनियाद ही झूठी हो,
वे प्रेम का मतलब क्या जाने…
👌👌👌👌👌👌👌
बेहद खूबसूरती से प्यार के दर्द का इजहार।लाजवाब।
bahut bahut dhanyawad apka pasand karne aur saraahne ke liye.
Most welcome,dear!!
वाह ! बहोत खूब सर जी ।
धन्यवाद आपका पसन्द करने और सराहने के लिए।
सटीक चित्रण 👌👌👌
सुक्रिया मित्र ।। पसन्द करने और सराहने के लिए।
That rage and lost love. Brilliantly portrayed
Thanks for your valuable comments.👌👌
My pleasure always
Too good👌👌 Mai connect ker paa Raha isse khud see☺️❤️
Dhanyawad aapke dil ke jajbaat aur shabd mere mil rahe hain….
बहोत सुन्दर रचना
सुक्रिया सराहने के लिए।
वाह ….!!! बेहद सुंदर
धन्यवाद भाई पसन्द करने और सराहने के लिए।