MAUN/मौन
मौत अटल मरना है निश्चित,
इससे सच्चा मीत नहीं,
मगर मौत आने से पहले,
इतनी चुप्पी ठीक नहीं|
आ जो लम्हा शेष सफर का,
हँसकर उसे गुजारे हम,
मेरे यारा,मीत हमारे,
जीवन सफल बना ले हम,
नित्य रात फिर दिन होता है,
सूर्य उदित होता छुपता है,
यही सत्य है इस दुनियाँ का
जीवन का भी सीख यही,
मगर मौत आने से पहले,
इतनी चुप्पी ठीक नहीं,
मगर मौत आने से पहले,
इतनी चुप्पी ठीक नहीं|
!!!मधुसूदन!!!
जादूगरी है विचारों मे 🌹🌹
धन्यवाद आपका।🙏
बेहतरीन कविता
Sukriya apka।🙏
बेहतरीन रचना 👌👌
शुक्रिया बहन।🙏