NAYEE DUNIYAN/नई दुनियाँ
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ना सोचे,ना समझे हवा सा बहे हम,
मुहब्बत की राहों में यूँ चल पड़े हम।
तुम्हें जब से देखा,तुम्हें सोचते हैं,
पलक बंद में भी तुम्हें देखते हैं,
तुम्हारी ही यादों में रहने लगे हम,
मुहब्बत की राहों में यूँ चल पड़े हम।
जमाने मे कलतक जशन जीत में थी,
कभी हार जाऊँ ये मुमकिन नही थी,
मगर हार दिल अब उछलने लगे हम,
मुहब्बत की राहों में यूँ चल पड़े हम।
कई आदतें अब हवा हो गए हैं,
मुहब्बत में तेरे फना हो गए हैं,
नशा तेरी बातें,नशा तेरी साँसें,
नशा कर गई तेरी एक मुलाकातें,
नशा आज सजने संवरने लगे हम,
मुहब्बत की राहों में यूँ चल पड़े हम।
तुम्हें क्या खबर कैसी हलचल मची है,
बेताबी नयन,दिल की धड़कन बढ़ी है,
मुझे दो इजाजत,करूँ मैं इबादत,
कयामत तलक हम करेंगे हिफाजत,
तुम्हें रब से ज्यादा समझने लगे हम,
मुहब्बत की राहों में यूँ चल पड़े हम,
मुहब्बत की राहों में यूँ चल पड़े हम।
!!!मधुसूदन!!!
संयोग श्रंगार की सुन्दर रचना 🙏
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।🙏
बहुत ही प्यारा😊😊
धन्यवाद आपका।😉
वाह ,बहुत खूबसूरत कविता है🌷🌷🌷
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
Amazing Poetry
Thank you very much dost.
My pleasure always
बहुत ख़ूब !
धन्यवाद आपका।
My pleasure sir
Very beautiful poem sir……
Thank you very much for your valuable comments.
बहुत ही सुन्दर रचना …बहुत रोमांटिक हैं दा ❤😍😍😍☺ ek ek line बहुत प्यारी
अच्छा लगा जानकर की आपको अच्छा लगा।👌👌
very nice lovely love poem .Enjoyed greatly.
Bahut bahut dhanyawad apka.
Thanks sirji
लाजवाब 👍
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
🙏