PREM BHAYEE BAHAN KA/प्रेम भाई बहन का।
भागो जितना भाग सको तुम,
मुश्किल प्रेम को नाप सको तुम,
भागो हमसे दूर कहीं मैं अम्बर तक आ जाऊँगी,
मैं चुड़ैल सब तेरी बलाय,नोच-नोच खा जाऊँगी।
हर अस्त्रों में महाशस्त्र ये,
क्यों ना कच्चे धागे ये,
हँसी-खुशी और नोक-झोंक के,
रिस्ते सच्चे प्यारे ये,
बहना का भाई है गहना,
इस रिश्ते बिन मुश्किल रहना,
इन रिश्तों के लिए तेरे बीवी से भी टकराउंगी,
मैं चुड़ैल सब तेरी बलाय,नोच-नोच खा जाऊँगी।
आ नीचे या आऊँ ऊपर,
कबतक रह पाएगा छुपकर,
रुपये चन्द तेरे अनमोल
इसका नही कहीं है मोल,
मुझको भूल कभी मत जाना,
क्यों ना दूर कहीं भी जाना,
जा छू लो बन सफल चाँद,मैं देख देख इतराउंगी,
मैं चुड़ैल सब तेरी बलाय,नोच-नोच खा जाऊँगी,
मैं चुड़ैल सब तेरी बलाय,नोच-नोच खा जाऊँगी।
!!!मधुसूदन!!!
Thank you very much for your appreciations.🙏
Feelings are expressed beautifully
शानदार
धन्यवाद मित्र।🙏
भाई बहन के निश्छल प्रेम को प्रदर्शित करती शानदार कविता सर👌👌🌻🙏
Bahut bahut dhanyawad apka sarahne ke liye.🙏
Thoroughly enjoyed reading this poem. You have given the festive poem a new angle interestingly.
Thank you very much for your valuable comments.🙏
Nice one..
Thank you very much for your appreciations.🙏
अहा..!
अंतिम लाइन आते आते आनंद आ गया👌🏻🙏🏻🙏🏻
क्या बात। आनन्द तो हमें आ गया। सुक्रिया।🙏
अतिसुंदर शब्दावली से सुशोभित भाई साहब 🙏🙏
चुड़ैल! छोटे भाईयों के लिए बड़ी बहन चुड़ैल ही लगती है। बहुत मारती जो है गलतियों पर।😂
😀😀सही बात है जी,,,पर भीतर जो स्नेहिल भाव है,,उसकी बात को,, सुंदरता से दर्शाया है आपने 👌👌
🙏🙏
बहन के हृदय के भावों का खूबसूरत
लेखन 👌
मधुसूदन भाई आपको इस बहन की ओर से राखी के पर्व पर ढेर सारी शुभकामना 🙏
आपको भी मेरे तरफ से बहुत बहुत शुभकामनाएं। बहुत दिनों बाद आना हुआ आपका।
धन्यवाद आपका 🙏
हॉं कुछ समय से व्यस्तता ज्यादा बढ़
गई है ।
Nice creative poem!💐
Thank you for your valuable comments.🙂