SAMARPAN

ख़ुशी नहीं हम सिर्फ गम चाहते हैं,
उसे दे दो ख़ुशी जिसे हम चाहते हैं|

मैं हूँ चकोर मेरा चाँद कहीं और है,
आँखों में आँसू की बात कोई और है,
दिल में जो गम उसे हम चाहते है,
उसे दे दो ख़ुशी जिसे हम चाहते हैं|

गुलशन गमगीन,गुलदस्ते में गुल है,
हँसते गुलदस्ते में जकड़ा वो फूल है,
जीवन को थोड़ा सा कम चाहते है,
उसे दे दो ख़ुशी जिसे हम चाहते हैं।

सागर की लहरों सी आती है खुशियां,
किनारों को छूकर के जाती हैं खुशियां,
गम जबतलक मेरी मर्जी है संग में,
मगर अपनी मर्जी से आती खुशियां,
आती हैं खुशियां तो खिलते हैं फूल,
जाते ही खुशियों के चुभते हैं शूल,
ऐसे ही गुल को अब हम चाहते हैं,
उसे दे दो ख़ुशी जिसे हम चाहते हैं|

!!! मधुसूदन !!!

 

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