अभी तो सूरज निकला ही था,धूम मची थी अभी-अभी,
क्यूँ इतनी जल्दी चली गई?क्यूँ इतनी जल्दी चली गई।।
थी उम्र कहाँ चुप होने की,
थी खबर नहीं कुछ खोने की,
भारत का रोता ताज हंसा
माँ के दामन से दाग हटा,
वर्षों से प्यासे कान खुशी की,
खबर मिली थी अभी-अभी,
क्यूँ इतनी जल्दी चली गई?क्यूँ इतनी जल्दी चली गई?
हर शब्द गूंजते कानों में,
हिंदी की शान बढ़ाई तूँ,
ऐ सुषमा अपनी वाणी से,
स्वराज की राह दिखाई तूँ,
तूँ नारी की पहचान बनी,
तूँ भारत की अभिमान बनी,
था वक्त नही ये जाने का,
था वक्त ये राह दिखाने का,
क्यों मौन पड़ी,गमगीन जमीं,
ऐसा लगता तूँ यहीं कहीं,
थी जश्न की दरिया उत्तर से,
कदमों तक आई अभी-अभी,
क्यूँ इतनी जल्दी चली गई?क्यूँ इतनी जल्दी चली गई?
!!!मधुसूदन!!!
🙏🙏शत शत नमन🙏🙏
ईश्वर आपको स्वर्ग प्रदान करें।
myexpressionofthoughtsblog says
Heartfelt condolences
Madhusudan Singh says
Thanks again for your encouragement.
ShankySalty says
बहुत ही भावपूर्ण श्रद्धांजलि है🙏🙏
Madhusudan Singh says
🙏🙏🙏