SUKOON/सुकून
सुकून अगर दास होता महलों का,
तो गरीबों का चेहरा नही चमकता,
सुख गुलाम होता दौलत का,
तो कभी गरीब नही हंसता,
सदैव होती चिंता की लकीरें उनके चेहरे पर,
मगर इनके चहरे पर ना भय,ना चिंता,
ना ही गरीबी का दर्द झलकता,
सिर पर झूला झूलते बच्चे,
बाहों में बदहवास सोती जान,
हाथों में कंगन,पैरों में पायल,
वह कोई रानी से कम नहीं,
ना ही वह सम्राट से कम,
शायद उसे कल दफ्तर नही जाना,
नही सुनना बॉस की डांट,
निश्चित ही नही होगा
बहुत बड़ा महल,
पास इनके,
जहां रहते हैं सबके अलग अलग कमरे,
जहां बामुश्किल जुट पाते एक जगह परिवार सारे,
जहां रेशमी कपड़ों से सजा होता सेज,
मगर करता रहता इंतजार
सिलवटें पड़ जाने का,
इनका तो होगा
शायद
एक कमरे का ही महल,
जहां लड़ते होंगे ये भी एक दूसरे से,
मगर सेज कभी सिलवटों से नही उबरता होगा,
टकटकी लगाए आंखें दर्शाती,
करता होगा भरपूर ये भी,
अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन,
ऐसे में कैसे कहूं निर्धन इन्हें,
एवं तुम्हें धनवान!
बेशक हासिल कर ली बहुत बड़ी दौलत तुमने,
भागता,दौड़ता रहा जीवन भर,
सुख सुविधाओं के लिए,
मगर वो यौवन वो उम्र
वापस कैसे लाओगे,
कर लोगे दौलत के बल
अब बेशक हासिल,
सुख सुविधाओं से भरा सफर,
मगर ऐसा सुकून कहां पाओगे।
अमीरी भय,नफरत और अहंकार रखती है,
मगर गरीबी भूख,नींद और प्यार रखती है। !!!मधुसुदन!!!
लिखावट में शब्दों से श्रृंगार
बड़े भाई साहब,, नमस्कार 🙏🙏
🙏🙏🙏🤌
🙏
Beautifully penned. Loved reading this.
Thank you very much for your valuable comments.
“सुकून अगर दास होता महलों का,
तो गरीबों का चेहरा नही चमकता,
सुख गुलाम होता दौलत का,
तो कभी गरीब नही हंसता”
Behad umda panktiyan.
Bahut bahut dhanywad sarahne ke liye..
Amazingly described ✍️ emotions 👏👏👏💐🙏
बहुत बहुत धन्यवाद आपका हर मंच पर हौसला बढ़ाने के लिए।🙏🙏
👌🏽💐🙏
🙏🙏