SURYA ABHI DUBA NAHI/सूर्य कभी डूबा नहीं
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सूर्य अभी डूबा नहीं,हौसला अभी टूटा नही,
माँ भारती के लाल का,किस्मत अभी रूठा नहीं,
देखेगी जरूर दुनियाँ एक दिन हमारे हौसले को,
निराश हैं,हताश ना,ये कदम अभी रुका नहीं।
टूटा है सम्पर्क सिर्फ,विकल्प नहीं छूटा है,
आएंगे जरूर चाँद,संकल्प नही टूटा है,
देखेंगे करीब से यही चाहतें ये अभी मिटा नही,
निराश हैं,हताश ना,ये कदम अभी रुका नहीं।
वर्षों का था मिहनत,दो कदमों से पीछे छूट गए,
आकर तेरे देहरी पर फिर भी मंजिल से चूक गए,
हैं उदास,नेत्र सजल,ख्वाब अभी टूटा नही,
निराश हैं,हताश ना,ये कदम अभी रुका नहीं।
गर्व है माँ भारती के सपूत ना उदास हो,
तुम हो विश्वामित्र ना वैज्ञानिकों निराश हो,
संग तेरे हिन्द,दीप्ति-तम से कभी बुझा नही,
निराश हैं,हताश ना,ये कदम अभी रुका नहीं।
निराश हैं,हताश ना,ये कदम अभी रुका नहीं।
!!!मधुसूदन!!!
नोट: एक बार कल के वैज्ञानिक महर्षि विश्वामित्र ने राजा त्रिशंकु को जिंदा स्वर्ग भेजने का फैसला किया जिससे इंद्र घबरा गए और अपनी एक अप्सरा मेनका को भेज उन्हें अपने कर्मपथ से विमुख कर दिया तथा त्रिशंकु धरती और स्वर्ग के बीच रह गए। मगर आज के वैज्ञानिक विश्वामित्र जैसा ही ज्ञानी हैं मगर अब वे मंजिल पाकर ही दम लेनेवाले हैं।
Bahut badhiya! Aap har mauke pe Kavita likh lete hain, yeh apki khoobi hai Janab.
ye hamen nahi maalum kaise likhaa jaataa hai….. likhne ke baad khushi hoti hai tab aur jyada jab aaplog usey pasand karte hain.
बेहतरीन रचना ….. सकारात्मकता से परिपूर्ण ☺☺
धन्यवाद आपका भाई। परिश्रम के अलावा कुछ भी श्रेष्ठ नही।
हमारा मैसेज मिला क्या? 🤔 किसी और को तो नही चला गया 😂
जी , सौ टके की बात 👌💜
निराश हैं ,हताश कहाँ ,क़दम अभी रुका नहीं !👍
🙏🙏🙏
Bahut badiya!!👍
Bahut bahut dhanyawad apka.
Very encouraging poem, Sir. Loved it
Bahut bahut dhanyawad Pradita ji pasand karne ke liye.
Welcome 🙂
Beautiful inspirational thoughts –
Bahut bahut dhanyawad dost pasand karne ke liye.
My pleasure always
अद्भुत !! हौसला भरी कविता .
Bahut bahut dhanyawad apka pasand karne ke liye.
Bilkul sahi likha sir
Bahut bahut dhanyawad apka pasand karne ke liye.
🙏
खूब कहा मधुसूदन जी!
बहुत बहुत धन्यवाद पसन्द करने के लिए।
वाह ! बहुत सुंदर। ये मात्र पहला प्रयास था,पहला प्रयास मात्र एक पड़ाव होता है, मंज़िल नहीं।
सही कहा
मंजिल हम तय करेंगे,
दुनियाँ हमारी उड़ान देखेगी।।
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।