DEEPAK KI AWAZ/दीपक की आवाज

मैं जलता जग रौशन करता, दुनियाँ मुझको दीपक कहता, जब तक तेल दिए में होती, मैं बाती संग जलते रहता, क्या मुझ सा तुम जल पाओगे,दुनियाँ रौशन कर पाओगे, बोलो ऐ इंसान स्वयं क्या मुझ जैसा तुम बन पाओगे? क्यों नफरत का म्यान बना है, इंसाँ से हैवान बना है, बदल धर्म की परिभाषा को […]

Posted in Dharm-Parampra, RAMAYANTagged 30 Comments on DEEPAK KI AWAZ/दीपक की आवाज

DEEPAWALI प्रकाशपर्व

आ मिलजुल हम दीप जलाएँ, अंतर्मन को हम चमकाएँ, करें सफाई घर संग मन को, आज दिवाली है, आओ जग को चमकाएं हम आज दिवाली है।2 कार्तिक काली रात अमावस, खुशियाँ लेकर आई है, दीप जले चहुँओर अवध, मानो पूर्णिमा छाई है, छटी घटा गम खुशियाँ आई, अंतिम दिन वनवास की आई, लंक विजय घर […]

Posted in Dharm-ParampraTagged 47 Comments on DEEPAWALI प्रकाशपर्व