“Every successful women”

महाभारत का युद्ध आसान था शायद,आसान था कल,मर्यादित रावण सेटकरा जाना,परन्तु आसान नही यहाँ नारियों का,ख्वाहिशों के पंख लगा अम्बर को छू पाना,जहाँ अब भी निराशाओं के बादलजलजला बन डूबाने को आतुरख्वाबों की नैया,जहाँ अपनों के ताने,दावानल बन झुलसाने को ततपरअरमानों की मड़ैया,जहाँ समाज का लोक-लाज,बन चट्टान ततपर रोकने को राह,जहाँ भीतर अपनों का अवरोध,बाहर […]

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MAUN/ मौन!

Image Credit Googl संसद मूक, सिंघासनाधीश-प्रजापालक मौन, स्वयं को सहनशील बोल शोर मचानेवाले वुद्धिजीवी मौन, जिन्हें देख मौन थी लेखनी,शब्द स्तब्ध, मैं क्या लिखता? क्या हमेशा की तरह नारियों पर होते जुल्म की दास्तान लिखता, तड़पती बेटियों की चीख,पुकार लिखता, या कापुरुषों की जमात में खड़े, खुद को धिक्कार लिखता मैं क्या लिखता? आखिर मैं […]

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