RUH AUR INSAAN

Image Credit :Google मैं तो तेरे साथ प्रिय,रब जुदा जिस्म से कर डाला, कैसे रूह का रूप दिखाऊँ,तुझे बनाऊं मतवाला। कलतक लाखों पहरे हम पर, आज नहीं कोई बंदिश, मगर जिस्म के बिन पगली मैं, तेरे प्रेम से हूँ वंचित, गम की दरिया तेरी किश्ती, मैं थी तेरी एक आशा, चौखट पर गमगीन जश्न का, […]

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