UMMID/उम्मीद
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ऐ हवा जरा रुक के,
धीरे-धीरे गुजर,
तेरी राहों में एक महल है ताश का,
जहाँ अरमान अभी,अभी हिलोरे ले रहे हैं,
उसे पत्थरों का
ताजमहल ना समझ।
ऐ पल जरा थम जा,
अभी-अभी तो जिंदगी खिली है
वसन्त सी,
हँसने दे,
उसे अभी पतझड़ ना कर।
ऐ खुदा,
जानते है कानून बहुत सख्त है तेरा,
मगर ये भी पता है
तूँ बहुत ही रहमदिल है,
बस एक दुआ मेरी भी कुबूल कर ले,
ख्वाहिशें दी है,उड़ान मत रोक,
सहारा किसी का वो पाँव मत तोड़,
देख पलकें बंद किसी की,
धड़कन किसी और की थमी है,
कर थोड़ी रहम,आँखों में शेष अब भी नमी है,
सुना है दुआ पत्थरों में भी जान डाल देती है,
तूँ तो रखवाला है जगत का,
तेरे आदेश के बिना एक पत्ता भी नही हिलता,
तूँ इतना बेरहम ना बन,
तूँ इतना बेरहम ना बन।
!!!मधुसूदन!!!
“लाखों बेकसूर लोगों की जिंदगी एवं लाखों बेकसूर के सपने रोज बिखर रहे हैं। अगर वे गुनहगार नही फिर गुनाहगार कौन? दोषी कोई और और सजा किसी और को,ये ऊपरवाले का कैसा कानून?”
” ऐसा ही एक बेकसूर बच्चा आज जिंदगी एवं मौत से जूझता एक अस्पताल में जिसे दवा के साथ साथ दुवाओं की जरूरत है।”
I’m speechless😢😢
शब्द लाना होगा लबों पर दुआ का,
क्या पता किसकी दुआ रंग लाया दे।👏👏
जरूर सर हम अपने नाथ जी से प्रार्थना करते है उनके लिए। आज दुःख के आँसू है पर वो दिन दुर नहीं जब खुशी के आँसू छलक उठेगें।
परमेश्वर उनके विद्यार्थी को स्वास्थ्य प्रदान करें । मैं भी प्रार्थना करता हूं🙏
ईश्वर आपकी प्रार्थना सुन लें।
अवश्य सुनेंगे🙏
what a beautiful read
Thank you very much.
My absolute pleasure
Heartfelt💔
Thank you very much.
बहुत सुंदर सृजन.
बहुत बहुत धन्यवाद सर पसन्द करने और सराहने के लिए।
सच मे सर आपकी हर कविता दिल छू लेती है
धन्यवाद आपका। दरअसल अरुणा जी एक बहुत ही बेहतरीन ब्लॉगर हैं और शिक्षक भी जिनका एक विद्यार्थी दुर्घटनाग्रस्त है। जिसके सुरक्षित जीवन की दुआ करते हुए उन्होंने एक कविता लिखी है। हम भी खुद को रोक नहीं पाए।
खुद का हो या औरो का ये दर्द ही तो है जो एहसास को जन्म देता है और एहसास को बयां करने के लिए शब्द मिल ही जाते है।
मै भी भगवान जी से प्रार्थना करूँगी की उनका विद्यार्थी जल्दी ही स्वस्थ हो जाये।
ईश्वर आपकी दुआ में रंग लाए।
One more pearl worth reading again and again
धन्यवाद आपका। दरअसल अरुणा जी एक बहुत ही बेहतरीन ब्लॉगर हैं और शिक्षक भी जिनका एक विद्यार्थी दुर्घटनाग्रस्त है। जिसके सुरक्षित जीवन की दुआ करते हुए उन्होंने एक कविता लिखी है। हम भी खुद को रोक नहीं पाए।
Nice kavita..
धन्यवाद आपका। दरअसल अरुणा जी एक बहुत ही बेहतरीन ब्लॉगर हैं और शिक्षक भी जिनका एक विद्यार्थी दुर्घटनाग्रस्त है। जिसके सुरक्षित जीवन की दुआ करते हुए उन्होंने एक कविता लिखी है। हम भी खुद को रोक नहीं पाए।
मार्मिक कविता हैं. आपने भावों को बड़ी ख़ूबसूरती से उकेरा है.
धन्यवाद आपका। दरअसल अरुणा जी एक बहुत ही बेहतरीन ब्लॉगर हैं और शिक्षक भी जिनका एक विद्यार्थी दुर्घटनाग्रस्त है। जिसके सुरक्षित जीवन की दुआ करते हुए उन्होंने एक कविता लिखी है। हम भी खुद को रोक नहीं पाए।
इसलिये कविता में दर्द है।
हाँ जी।👏👏👏
यही हकीकत समझ में नहीं आती।वो घर का एकमात्र चिराग है,फिर उम्मीदों को खुदा सुलाने पे तुला है।दिल को छूने वाली पँक्तियाँ है आपकी।
हाँ ।।दिल को दहला देनेवाली घटना है। खुद को रोक नही पाए।
अरुणा जी जो हो गया वो बदला नही जा सकता ।
पर ये दिल से दुआ मांगती हूँ कि ये चिराग हमेशा रौशन रहे और इसकी रोशनी से इसका घर और इसके अपनो का जीवन हमेशा जगमगाता रहे।
🙏🙏🙏
हृदय से धन्यवाद आपकी संवेदनापूर्ण शब्दों के लिये।