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कहते हैं सब मैं हसीन हो गयी,
बाबुल की प्यारी माँ की दुलारी, ना जाने कब कमसिन हो गयी,
कहते हैं सब मैं हसीन हो गयी, सचमुच में क्या मैं हसीन हो गयी ?
बचपन में पापा ने उड़ना सिखाया, किस्मत ने क्या खूब हमको रुलाया,
चल ना सके दो कदम संग पापा,छाया अभागन से दूर हो गयी,
कहते हैं सब मैं हसीन हो गयी।।
सचमुच में क्या मैं हसीन हो गयी ?
कहते हैं सब खुबसुुरत जहां है,पापा नहीं उनकी खुशियां कहाँ है,
हँसना हसाना सपने सजाना,सपने हकीकत से दूर हो गयी,
कहते हैं सब मैं हसीन हो गयी।।
सचमुच में क्या मैं हसीन हो गयी ?
माँ की दुलारी सहारा बनी थी,खेल-कूद चूल्हे की बेदी चढ़ी थी,
खाने की दो वक्त रोटी ना घर में,पढ़ने को घर में किताबें नहीं थी,
दिन और महीने गुजरते रहे थे,पापा के सपने मन में बसे थे,
कैसे बताएं कैसे पढ़ी मैं,सपनो के आज मैं करीब हो गयी,
तीन बार में १०वी उत्तीर्ण हो गयी,
कहते हैं सब मैं हसीन हो गयी।।
सचमुच में क्या मैं हसीन हो गयी ?
भूखे रहे पर पढ़ना ना छोड़ा, मैया के आँचल को तनहा ना छोड़ा,
अबला थी दुनिया चिढ़ाती रही पर,सपनों में हर पल रहना ना छोड़ा,
दिन और महीना गुजरता गया,आखिर में ओ पल भी आ गया,
आँखों में आसूं रुंधे गले से,दर्पण के आगे आकर खड़े थे,
आँखों में मेरे पापा की मूरत,आसूं में जैसे लिपटे पड़े थे,
कैसे कहें क्या उत्तीर्ण हो गयी,डी.एम.के पद पदासीन हो गयी,
कहते हैं सब मैं हसीन हो गयी।।
सचमुच में क्या मैं हसीन हो गयी ?
मैया ने आँसूं से हमको नहाया, कलेजे से हमको तड़पकर लगाया,
देखो न पापा कुछ भी ना बदला,बालों की चोटी,माथे की बिंदी,
तन पर के चीथड़े कपड़ा ना बदला,बदली नहीं पा बिटिया तुम्हारी,
फिर भी कहे सब हसीन हो गयी,
सचमुच में क्या मैं हसीन हो गयी ?
!!! मधुसूदन !!!
रजनी की रचनायें says
बहुत खूब क्या बात है नये नये शीर्षक के साथ कविता भी बेहतरीन ह
रजनी की रचनायें says
ये पहले की लिखी कविता और कमेंट है क्या? क्यों कि अजय जी कहीं भी कमेंट करते या ब्लॉग पर दो तीन महीनों से नहीं दिखते आज देखा आप के कविता पर तो खुशी हुई पर लगता है ये पुराने कमेंट हैं।
Madhusudan says
बिल्कुल सही कहा आपने ये पुराना पोस्ट है अप्रैल का जिसे दोबारा पोस्ट किया है।
Madhusudan says
सुक्रिया आपका अपने पसंद किया और सराहा।
Khushboo Dixit says
Waw great…
Madhusudan Singh says
Dhanyawaad…..aapkaa
Neha says
Wow……nice
Madhusudan Singh says
Thanks
shivayadavji says
Me aapki hr post pdne ki kosis krta hu, kyuki aap likhte hi esa ho ki , rha nhi jata hai bger pde
Madhusudan Singh says
क्या बात——हौसलाअफजाई के लिए सुक्रिया——वैसे मैं कुछ भी सोंच कर लिखने नहीं बैठता——बस लिखा जाता है —–पुनः-धन्यवाद।
shivayadavji says
Waaaah sir, really nice
Madhusudan Singh says
पढ़े अच्छा लगा—-आभार
यादों के छाँव says
वाह वाह मधुसूदन जी👍👍👍
Madhusudan Singh says
Dhanyawaad kashyap j
ravish kumar says
वाह बहूत ही शानदार तस्वीर भी बहूत प्यारी लगाई है प्यारी ki
Madhusudan Singh says
क्या बात——धन्यवाद
अजय बजरँगी says
बहुत शानदार 😊
Madhusudan Singh says
Dhanywaad Ajay ji
Abhay says
शुभ प्रभात! बहुत खूब लिखा है आपने 👏👏
Madhusudan Singh says
धन्यवाद—–एवं शुभ प्रभात आपको भी——–
kumar❣🔊 says
लाज़वाब मधुसूदन जी 😊👏👏👏
Madhusudan Singh says
Shukriya…