DIWAS/दिवस!

प्रयावरण दिवस,हिंदी,विश्व धरोहर दिवस,अंतराष्ट्रीय महिला दिवस,संविधान दिवस,न जाने कितने दिवस बनाए,पन्नो पर उसे सजाए,मगर हमने बचाए क्या?ये ना पूछ बैठना,हमने मिटाए क्या?चीखती नदियाँ,कराहते जंगल,बेजुबानों के लाश पर मनाते मंगल,घँटे,अजान से गुंजित धर्मस्थल,प्रेम कितना शेष अंतस्थल!गिरिजाघर,मस्जिद,मंदिर सर्वत्र दिख जाएंगे,और घर-घर गीता,कुरान भीमगर अपनाए क्या?ये ना पूछ बैठना,हमने मिटाए क्या?!!!मधुसूदन!!!

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KYA LIKHUN/क्या लिखूँ

प्रेम लिखूँ या किसी का ममत्व, नफरत लिखूँ या किसी का अपनत्व, अपनी उमड़ती भावनाओं को, किस ओर ले जाऊँ, ऐ कविता तूँ ही बता तुझे किन शब्दों से सजाऊँ? चाहूँ तो लिख ना पाऊँ, ना लिखूँ तो चैन से रहने नही देती, कभी शरमा कर, कभी मुस्कुराकर, कभी क्रोध में, कभी शोक में,ना लिखूँ […]

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KAVITA/कविता

जब-जब सत्ता भटक गई,कविता फिर राह दिखाती है, मद में सिंघासन के जो फिर,उनको सबक सिखाती है। ये सदियों से निरंकुश सत्ता से जा टकराती है, सुप्त पड़े जनमानस में नवयौवन ये भर जाती है वतन घिरा जब भी संकट में मौन उसे स्वीकार नही, हृदयहीन तब रचना जिसने उगल सका अंगार नहीं, शहर,गांव के […]

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