Dastaan ek Masum ki

Click here to read part..1

जब सात साल के बच्चे की गर्दन लहूलुहान हुई होगी तब क्या बीती होगी उस मासूम पर ? उसकी भावनाओं को शब्दों में ब्यक्त करना तो नामुमकिन फिर भी एक छोटा प्रयास —-

कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ,
मैं बताया नहीं ये अलग बात है,
कितने आँसूं बहे,सब पता तुमको माँ,
रक्त के संग बहा सब,अलग बात है,
कितना तड़पा हूँ मैं सब——।

मैंने आवाज दी थी बहुत देर माँ,
पापा,पापा भी मैने पुकारा था माँ,
मुँह थी बंद धड़कन ने आवाज दी,
कुछ सुनाया नहीं ये अलग बात है,
कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ,
मैं बताया नहीं ये अलग बात है।

तुझको आभास था,मुझको टोका भी था,
आज मत जा मुझे,तुमने रोका भी था,
तेरी धड़कन को सब थी पता मेरी माँ,
हमने समझा नहीं ये अलग बात है,
कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ,
मैं बताया नहीं ये अलग बात है।

साथ लेने को गाड़ी तभी आ गईं,
साथ मैं चल दिया बाय तुमने कही,
तेरी संसय भरी थी नजर मेरी माँ,
बाय कह चल दिया मैं अलग बात है,
कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ,
मैं बताया नहीं ये अलग बात है।

छुरी चलती रही मैं तड़पता रहा,
अब बचेंगे ना जिंदा समझता रहा,
अब कभी ना सताउंगा मैं तुमको माँ,
सोच कर रो पड़ा ये अलग बात है,
कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ,
मैं बताया नहीं ये अलग बात है।

बज्र जैसे है पापा यहाँ सो रहे,
माँ सम्हालो इन्हें छुप कर रो रहे,
इनकी हिम्मत बढ़ा टूट जाएंगे माँ,
शांत वे दिख रहे ये अलग बात है,
कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ,
मैं बताया नहीं ये अलग बात है।

दिल तो करता है मै पास आऊँ अभी,
दर्द सीने की तेरी मिटाऊँ सभी,
पास रह के भी मैं कितना मजबूर माँ,
तुमको मालूम नहीं ये अलग बात है,
कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ,
मैं बताया नहीं ये अलग बात है,
कितने आँसूं बहे,सब पता तुमको माँ,
रक्त संग बह गए, सब अलग बात है।

!!! मधुसूदन !!!

17 Comments

Your Feedback