जब सात साल के बच्चे की गर्दन लहूलुहान हुई होगी तब क्या बीती होगी उस मासूम पर ? उसकी भावनाओं को शब्दों में ब्यक्त करना तो नामुमकिन फिर भी एक छोटा प्रयास —-
कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ,
मैं बताया नहीं ये अलग बात है,
कितने आँसूं बहे,सब पता तुमको माँ,
रक्त के संग बहा सब,अलग बात है,
कितना तड़पा हूँ मैं सब——।
मैंने आवाज दी थी बहुत देर माँ,
पापा,पापा भी मैने पुकारा था माँ,
मुँह थी बंद धड़कन ने आवाज दी,
कुछ सुनाया नहीं ये अलग बात है,
कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ,
मैं बताया नहीं ये अलग बात है।
तुझको आभास था,मुझको टोका भी था,
आज मत जा मुझे,तुमने रोका भी था,
तेरी धड़कन को सब थी पता मेरी माँ,
हमने समझा नहीं ये अलग बात है,
कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ,
मैं बताया नहीं ये अलग बात है।
साथ लेने को गाड़ी तभी आ गईं,
साथ मैं चल दिया बाय तुमने कही,
तेरी संसय भरी थी नजर मेरी माँ,
बाय कह चल दिया मैं अलग बात है,
कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ,
मैं बताया नहीं ये अलग बात है।
छुरी चलती रही मैं तड़पता रहा,
अब बचेंगे ना जिंदा समझता रहा,
अब कभी ना सताउंगा मैं तुमको माँ,
सोच कर रो पड़ा ये अलग बात है,
कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ,
मैं बताया नहीं ये अलग बात है।
बज्र जैसे है पापा यहाँ सो रहे,
माँ सम्हालो इन्हें छुप कर रो रहे,
इनकी हिम्मत बढ़ा टूट जाएंगे माँ,
शांत वे दिख रहे ये अलग बात है,
कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ,
मैं बताया नहीं ये अलग बात है।
दिल तो करता है मै पास आऊँ अभी,
दर्द सीने की तेरी मिटाऊँ सभी,
पास रह के भी मैं कितना मजबूर माँ,
तुमको मालूम नहीं ये अलग बात है,
कितना तड़पा हूँ सब है,पता तुमको माँ,
मैं बताया नहीं ये अलग बात है,
कितने आँसूं बहे,सब पता तुमको माँ,
रक्त संग बह गए, सब अलग बात है।
!!! मधुसूदन !!!
shubhankarthinks says
Ye ghatna sachmuch ankhon Mei ansu laa deti Hai , janwar jaisi sthiti ho gyi Hai insaan ki aur kahen to janwar SE bhi badtar !
Apne ISS ghatna ko bhut ache dhang SE likha Hai
Madhusudan says
बहुत बहुत धन्यवाद आपका—-शिक्षा आज पैसा कमाने और ऐश करने का अड्डा बन गया है।हम सारी कमाई ख्वाब सजाने में खर्च कर देते है और ये मेरा जमीन ही छीन लेते है।
shubhankarthinks says
Haan itni Kisi majdoor ki monthly salary nahi Hoti jitni top schools k bachhon ki monthly fees kr di Hai
😊
Bechara sadharan naukari Wala insaan pdha bhi nahi skta
Madhusudan says
बिल्कुल सही कहा —–बहुत बहुत धन्यवाद आपका अपनी सम्बेदना ब्यक्त करने एवं मौजूदा हालात पर अपने विचार ब्यक्त करने के लिए।
Madhusudan says
धन्यवाद आपका इसे पढ़ने और दर्द को महसूस करने के लिए।
रंगबिरंगे विचार(विमला की कलम) says
बहुत ही मार्मिक दर्द भरी रचना 😥😥
VIJAY KUMAR SINGH says
बेहद हृदयविदारक और दर्दनाक हादसा है. अब तक सही अपराधी तक नहीं पहुँच पाना राजनितिक षड़यंत्र भी हो सकता है. आज के दौर में हम राजनीति और राजनीतिज्ञ पर तनिक भी भरोसा नहीं कर सकते. दर्द भरी रचना.
Madhusudan says
आज का षड्यंत्र समझना आम आदमी के वश में नहीं।हम अपनी जिंदगी की सारी कमाई लगा कर ऐसा उम्मीद तो नही करते । धन्यवाद आपका विचार ब्यक्त करने के लिए।
Nageshwar singh says
बहुत पीड़ा होती है
एक मासूम जब अत्याचार का शिकार होता है
पुछता हूॅ हे मेरे ईश्वर
अक्सर ऐसा क्यु होता है
क्या कहूं
Madhusudan says
बिल्कुल सही कहा।कोई शब्द ही कुछ बोलने को शेष नही बचता।
Nagendra sahu says
बहुत गहरी बात कही
Madhusudan says
Sukriya apka…..swagat hai apka.
mukesh says
bahut dardnak hadsa…jitni bhi bhartsna ki jaay kam hai
Madhusudan says
Bilkul sahi kaha….sukriya apka.
bansarir says
Sir, really you make me cry, 😢😢
Madhusudan says
It’s really unbearable event.thank you very much for your valuable comments.