Ek Gauraiya

पीपल पेड़,
चहकती चिड़ियाँ,
शाम की बेला|1

आज उदासी,
बिछड़ गयी एक,
नन्हीं चिड़ियाँ |2

अपने सारे,
ब्याकुल मन से,
खोज के हारे।3

मानव धोखा,
समझ सकी ना,
भूख के मारे|4

जान गवाँई,
जाल में फंसकर,
एक गौरैया |5

भूखी चिड़ियां,
उलझ रही अब,
कौन बचाये।6

!!! मधुसूदन !!!

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