IJEHAAR PYAR KA
तेरा गुस्सा क्या मुश्काना सब कमाल हो गया,
सच कहते हैं तुमसे यारा,हमको प्यार हो गया।
तुमको देखूँ लगता ऐसे,
चाँद जमी पर आया जैसे,
क्या तारीफ करूँ मैं तेरी,
दिल का हाल सुनाऊँ कैसे,
तेरे बादल जैसे बाल,
डिम्पल दिखती हँसते गाल,
मृगनयनी ये तेरी आंखे,
जैसे झील हो नैनीताल,
उसमे डूब गया मन मेरा,बेबस जान हो गया,
सच कहते हैं तुमसे यारा,हमको प्यार हो गया।
उंगली जब लट को सुलझाता,
उसमे इंद्रधनुष खिल जाता,
चूड़ी की खनखन में तेरी,
पागल मन मेरा खो जाता,
अब तो नींद नही रातों में,
ख्वाबों में शासन है तेरी,
खुलती जब भी मेरी पलकें,
अखियाँ ढूंढे सूरत तेरी,
देखो छोड़ दिया अभिमान,मैं तेरा दास हो गया,
सच कहते हैं तुमसे यारा,हमको प्यार हो गया।
!!! मधुसूदन !!!
बहुत खूबसूरत रचना है आपकी है।
धन्यवाद आपका।
Waah sir waah
Dil ki bat zuban pe
Umda
पसंद करने के लिए सुक्रिया आपका।