Sawan Mahima
आया सावन हम सब रहते जिसके इंतजार में,
रंग-बिरंगी खुशियां सारी,सिमटी है इस माह में|
कथा एक वेदों में वर्णित,
उसको आज सुनाता हूं,
एक माह सावन की महिमा,
क्या है उसे बताता हूँ,
इसी माह में देव-दनुज मिल,
सागर मंथन कर डाला,
रत्न कई निकले संग निकला,
भरा हुआ घट बिष-हाला,
त्राहि-त्राहि त्रिलोक मची संग,
देव-दनुज भयभीत हुए,
अतितीब्र थी बिष की ज्वाला,
देख सभी गमगीन हुए,
दूर किये संकट शिव-शंकर,
अड़भंगी,भोले,विश्वेश्वर,
कंठ में रख ली जहर कहाये,नीलकंठ संसार में,
रंग-बिरंगी खुशियां सारी,सिमटी है इस माह में|
शिव भोले अवतरित हुए थे,
सावन माह में धरती पर,
अपने वे ससुराल थे आये,
सावन माह में धरती पर,
जल से हुआ स्वागत उनका,
जल से ही अभिषेक हुआ,
तब से अबतक हर सावन में,
शिवजी आते धरती पर,
सावन के इस माह की महिमा,
वेदों ने भी गाया है,
पार्वती माँ इसी माह में,
शिव-शंकर को पाया है,
कठिन तपस्या एक माह माँ,की थी सावन माह में,
रंग-बिरंगी खुशियां सच में,सिमटी है इस माह में|
मरकंडू एक ऋषि महान,
मार्कण्डेय उनकी संतान,
अल्प उम्र संतान की चिंता,
सोलह साल थी उनकी जान,
चिंता मात-पिता का जाना,
अल्प उम्र अपना वह जाना,
सावन में फिर तप की भारी,
यम की फांस भी उससे हारी,
मन्त्र सिद्धियां,अद्भुत पाया,
तीनो लोक में नाम कमाया,
दीर्घायु का वर देकर शिव,
मृत्यु,यम को मार भगाया,
नतमस्तक यमराज हुए, फिर शिव के उस वरदान से,
रंग-बिरंगी खुशियां सच में,सिमटी है इस माह में|
Cont……..
Images credit…Google
!!! मधुसूदन !!!
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने। पढकर सावन महीने का वर्णन बहुत ही अच्छा लगा मधुसूदन जी।
पसंद करने और तारीफ करने के लिए सुक्रिया आपका।
सावन, समुंद्र मंथन अौर शिव महिमा का सुंदर चित्रण।
SUKRIYA APKA….
Lovely poem and introducing to beautiful culture and surroundings of our country
THANK YOU VERY MUCH FOR YOUR GREAT THINKING & SAPPORT.
Sari kahani ek Kavita Mei kh di !
Bhut dhanyavaad apka ki ye Katha pdhne ka mauka Diya
SUKRIYAA SHUBHANKAR JI…..
Pranam 🙏
🙏🙏
Sunder bhakti rachana.
THANK YOU SIR…..
Bahut khub
DHANYAWAAD APKAA…
Subeh subeh ye kvita pdh kr bhut acha lga, share krne k liye thank you sir
सुक्रिया आपका आपने पसंद किया और सराहा।