Z se Zero but Hero
अंतिम अक्षर Z हूँ मैं, अंग्रेजी अल्फाबेट का,
सीमा रेखा जैसे खड़ा हूँ,जैसे कोई देश का।।
अंतिम हूँ अंतिम ना मानो,
इंसानो की दुनिया में,
पलभर को इंसान समझ लो,
इंसानो की दुनिया में,
बना हमी से जिसकी भैल्यु,
दुनिया कहती जीरो है,
जिसने क़द्र किया जीरो का,
बन बैठा ओ हीरो है,
अनयुजुअल कतार में पीछे,बेटा अल्फाबेट का,
सीमा रेखा जैसे खड़ा हूँ,जैसे कोई देश का।।
अंतिम हूँ अंतिम ना मानो,
अन युजुअल मुझको ना मानो,
पीछे रखकर देख लिया है,
भैल्यु अपना देख लिया है,
आगे रखकर Zero देखो,
अंतिम बेटा अल्फाबेट का,
सीमा रेखा जैसे खड़ा हूँ,जैसे कोई देश का।।
A,B,C से Y तक आओ,
आओ साथ में जश्न मनाओ,
सबसे आगे हमको रखकर,
देखो अपनी शान बढ़ाओ,
अनयुजुअल Zero बेटा मै,
Hero अल्फाबेट का,
सीमा रेखा जैसे खड़ा हूँ,जैसे कोई देश का।।
Oh Zero ! You are really a hero!!
!!! मधुसूदन !!!
अमेज़िंग क्रिएशन
सुक्रिया—-पसंद किया आपने।
वाह !!! आपने तो z से भी कविता कर दी. सुंदर !!!
अच्छा लगा—–ख़ुशी हुई —–बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
Very nice perspective.
Thank you very much .