दुनिया चमन है जीवन पवन है,
उड़ने को जीवन का सारा गगन है,
बंदिश में इसको ना रहने दो, जीवन पवन है बहने दो |
लम्बी डगर है, छोटी उम्र है,
मंजिल की जीवन में,
सबको फिकर है,
चिंता में इसको ना रहने दो, जीवन पवन है बहने दो |
गर्मी गरम है, ठंडी नरम है,
वारिस की बूंदों में लिपटा पवन है,,
जैसा को तैसा ही रहने दो,जीवन पवन है बहने दो |
फूलों की डाली की खुशब हमारी,
कांटे भी हमको लगती है प्यारी,
मस्ती में रहता है खुशबु को पाकर,
तपती है गम की रेतों में जाकर,
बंधन में इसको ना बंधने दो,जीवन पवन है बहने दो |
नाजुक घडी में आँखों में आंसूं,
मुश्किल घडी में,बहते हैं आंसू,
कहीं धुप है तो कहीं पर है छाया,
कहीं है ख़ुशी तो कहीं गम का साया,
वादों की दरिया ना रहने दो, जीवन पवन है बहने दो |
दिल ये हमारा नाजुक बड़ा है,
टूटेगा पीछे पड़ा ये जहां है,
नाजुक है टूटेगा,नाजुक रहेगा,
आखिर में सारा जहां ये थकेगा,
मस्ती में इसको रहने दो,जीवन पवन है बहने दो |
बंदिश में इसको ना रहने दो, जीवन पवन है बहने दो |
!!! मधुसूदन !!!
gauravtrueheart says
वाह बहुत ही खूब लिखा है।
Madhusudan Singh says
पुनः आपको हौसला बढ़ाने के लिए कोटि कोटि धन्यवाद।
Writings By Payal Tyagi says
Awesome poetry
Madhusudan Singh says
Thank you very much payal ji
Writings By Payal Tyagi says
Welcome
Sunith says
Life is a wonderful bitter sweet soup, if one cares to stir it well and enjoy every moment…Beautiful poem Madhusudanji.
Madhusudan Singh says
Aapne pasand kiya hame bahut achha lagaa …..bahut bahut abhaar aapka.