Khwahishen
बिखर कर संवरना,संवरकर बिखरना,
मुश्किल है हर ख्वाहिशों का संवरना,
बिखरते हो सच में तुम फूलों के जैसे,
मगर ख्वाहिशें तुम कभी गम ना करना।
तुम्हीं से सजी है जीवन हमारी,
जमीं पर कदम आसमां से है यारी,
चिड़ियों की पंखें भी झड़ती,संवरती,
मगर आसमां में चिड़ियां ही उड़ती,
चिड़ियों ने हमको उड़ना सिखाया,
ख्वाहिश तुम्हीं ने सपने दिखाया,
तुम से सजी है गुलशन हमारी,
फूलों के संग-संग कांटे भी प्यारी,
संकट है सच में मगर ना ठिठकना,
ख्वाहिशें हमारी कभी गम ना करना।
तुम्हें बंधनों में जकड़ना है मुश्किल,
चाहत को तेरी समझना है मुश्किल,
संवरते हो हम भी संवरते हैं संग में,
बिखरते हो तुम फिर सम्हलना है मुश्किल,
मगर तितलियों सी हवा में तू रहना,
ख्वाहिशें हमारी कभी गम ना करना।
!!! मधुसूदन !!!
बहुत खूब लिखते आप बहुत ही अच्छा हैं।
सुक्रिया आपका
Behtareen… I enjoyed ur writing
Beautiful poem
Thabk you very much…..
Welcome sir !!
वाह , क्या बात है सुपर
आभार अजय जी —-अब मजा आ रहा है।
हा हा हा , आपका प्यार और स्नेह है भाई …. मधुसूदन जी
स्वागत आपका।
बहुत खूब….
ख्वाहिशोंं से मुकम्मल ये जहाँ है,
धरती से फलक तक इन ख्वाहिशों का कारवां है।
Bahut sundar……sukriya…
🙏🙏
bahut khub madhusudan ji
Dhanyawaad Danish ji
Nice
Sukriya….
Shaandar sir…. 👌👌
Thank you very much…..
Welcome sir…..🙏🙏
Most welcome
ख्वाहिशें तेरी कोई बंदिश नहीं
हर पल नए रूप में मिलती है तू
जो ना देखूं तेरी ओर मैं कभी
इतरा कर मुझपर हंसती है तू
कितना भी तुझे नज़रंदाज़ करूँ
हर राह पर क्यों संग चलती है तू …?
सुक्रिया बहुत खूब——-
भूल कर भी मुझे तू भूल नहीं पाया,
झूठ भी तुम्हें बोलना नहीं आया,
मैं तो ख्वाहिश तेरे साथ ही रहती हूँ,
मुझे छोड़ तुझे जीना नहीं आया,
आँखों में काजल,होठों पे लाली,
हम संग है साथ पायल तुम्हारी,
दिल में जो गम हैं,आँखें जो नम हैं,
ख्वाहिश बिना नहीं चलते कदम हैं,
बिचलित होते नजरअंदाज नहीं करते,
हर राह पर हम तुम साथ हैं चलते।
Awesome sir … Speechless…👌👌👌