Tuksh nahi ho tum./तुक्ष नही हो तुम।

क्यों ना राहें हों अनजान राही मगरवे भी अपना सा लगने लगेंगे,जरा चलकर तो देख,मत समझ तुक्ष खुद को प्रणेता है तूँ,बदल किस्मत की रेख।बंजर,कंटीले हों क्यों ना डगर,मंजिल वहीं होंगे तेरे बसर,सजने लगेंगे वही ख्वाब तेरे,थिरकने लगेंगे वहीं पाँव तेरे,मिल जाएंगे फिर मुकाम,जरा चलकर तो देख,मत समझ तुक्ष खुद को प्रणेता है तूँ,बदल किस्मत […]

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Krurta/क्रूरता

भूख से व्यग्र एक कुतिया,बार बार गलियों का चक्कर लगाती,इंसानों को देख अपनी पूँछें हिलाती,चेहरे के आव-भाव से भूखी होने का भाव दर्शातीमगर कहीं से भी रोटी का एक टुकड़ा नही मिल पाने परवापस अपने बच्चों के पास आकर लेट जाती,फिर टूट पड़ते नासमझ बच्चे उसपरऔर नोचने लगते स्तन।पेट में अन्न का दाना नहीऔर ना […]

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Ummid/उम्मीद

बंद क्यों ना हो जाए,किवाड़ सब जमाने का,द्वार जिंदगी का कभी खुद से ना लगाना यारों,गिरते दरख़्त कई आँधियों के आने से,बीज हम दरख़्त बन सजेंगे फिर बताना यारों,जंग हर कदम कदम पर जिंदगी में जीत भी,छटेगा अँधेरा दीप खुद से ना बुझाना यारों,द्वार जिंदगी का कभी खुद से ना लगाना यारों।!!!मधुसूदन!!!

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AKROSH/आक्रोश

हाथों मे सोने का कंगन लिए बाघ,खुद को शाकाहारी बन जाने का ढोंग करता,दुर्योधनी सोच लिए सरहद रौंदने को ततपर पड़ोसीमन में घृणित रोग रखता,दशानन का साधु बन आना,और हर बार तेराछला जाना,आखिर कब तक?आखिर कब तक उस अधर्मी संग धर्म निभाओगे,पाशे का छल,द्रौपदी की चीख,और उबाल लेता धमनियों मेंशोणित की प्रवाह भूल,कबतक?आखिर कबतक उस […]

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