Tuksh nahi ho tum./तुक्ष नही हो तुम।
क्यों ना राहें हों अनजान राही मगरवे भी अपना सा लगने लगेंगे,जरा चलकर तो देख,मत समझ तुक्ष खुद को प्रणेता है तूँ,बदल किस्मत की रेख।बंजर,कंटीले हों क्यों ना डगर,मंजिल वहीं होंगे तेरे बसर,सजने लगेंगे वही ख्वाब तेरे,थिरकने लगेंगे वहीं पाँव तेरे,मिल जाएंगे फिर मुकाम,जरा चलकर तो देख,मत समझ तुक्ष खुद को प्रणेता है तूँ,बदल किस्मत […]