जिंदगी रहे ना रहे लेख रह जाएंगे,
मेरे और आपके कमेंट्स रह जाएंगे,
नफरत की आग जला देगी जमाने को,
मेरे और आपके संदेश रह जाएंगे।
माना कि आपसे कोसों हैं दूर हम,
सच है कि आप भी हमसे है दूर मगर,
अपनी ये लेख मगर पास हमे लाएंगे,
मेरे और आपके कमेंट्स रह जाएंगे।
कुछ लेख प्यारे हैं,कुछ हैं रुलाते,
कुछ लेख ऐसे जो दिल को दुखाते,
बंधे हैं हम सब धर्मों की डोर में,
इंसाँ हैं हम बंधे जाति की डोर में,
जाति और धर्म मे लड़ते रह जायेंगे,
नफरत और प्रेम को समझते रह जाएंगे,
मेरे और आपके कमेंट्स रह जाएंगे।
जहां-जहां प्रेम वहीं नफरत और छल है,
सदियों से आजतक दोनों हर पल है,
समझा है कौन जहाँ,हम भी छोड़ जाएंगे,
मेरे और आपके कमेंट्स रह जाएंगे।
मेरे और आपके ये लेख रह जाएंगे।
!!! मधुसूदन !!!
रजनी की रचनायें says
बहुत सच कहा है आपने।
Madhusudan says
धन्यवाद आपका पसंद करने और सराहने के लिए।
pkckd1989 says
क्या खूब लिखा है आपने – ” जिंदगी रहे ना रहे लेख रह जाएंगे,
मेरे और आपके कमेंट्स रह जाएंगे,
नफरत की आग जला देगी जमाने को,
मेरे और आपके संदेश रह जाएंगे।” सच
Madhusudan says
Dhanyawaad apka.
pkckd1989 says
हमेशा की तरह आपका स्वागत है।