Yaaden
जिंदगी रहे ना रहे लेख रह जाएंगे,
मेरे और आपके कमेंट्स रह जाएंगे,
नफरत की आग जला देगी जमाने को,
मेरे और आपके संदेश रह जाएंगे।
माना कि आपसे कोसों हैं दूर हम,
सच है कि आप भी हमसे है दूर मगर,
अपनी ये लेख मगर पास हमे लाएंगे,
मेरे और आपके कमेंट्स रह जाएंगे।
कुछ लेख प्यारे हैं,कुछ हैं रुलाते,
कुछ लेख ऐसे जो दिल को दुखाते,
बंधे हैं हम सब धर्मों की डोर में,
इंसाँ हैं हम बंधे जाति की डोर में,
जाति और धर्म मे लड़ते रह जायेंगे,
नफरत और प्रेम को समझते रह जाएंगे,
मेरे और आपके कमेंट्स रह जाएंगे।
जहां-जहां प्रेम वहीं नफरत और छल है,
सदियों से आजतक दोनों हर पल है,
समझा है कौन जहाँ,हम भी छोड़ जाएंगे,
मेरे और आपके कमेंट्स रह जाएंगे।
मेरे और आपके ये लेख रह जाएंगे।
!!! मधुसूदन !!!
बहुत सच कहा है आपने।
धन्यवाद आपका पसंद करने और सराहने के लिए।
क्या खूब लिखा है आपने – ” जिंदगी रहे ना रहे लेख रह जाएंगे,
मेरे और आपके कमेंट्स रह जाएंगे,
नफरत की आग जला देगी जमाने को,
मेरे और आपके संदेश रह जाएंगे।” सच
Dhanyawaad apka.
हमेशा की तरह आपका स्वागत है।