Qaidi/कैदी
ऊँची चाहरदीवारी,जड़े ताले किवाड़जहाँ पग-पग खड़े पहरेदार देखते हैं,कैदी हूँ,कैद से निकलना है मुश्किल,झरोखे से खुला आसमान देखते हैं।चुनकर जिसे मन ही मन हमने ऐंठा,सच है वही तख्त पर आज बैठा,फिर क्यों हम खुद को बेहाल देखते हैं,कैदी हूँ,कैद से निकलना है मुश्किल,झरोखे से खुला आसमान देखते हैं।महंगी बढ़ी घर में रोती है सजनी,उजड़ा व्यापार […]