VASUDHAIV KUTUMBKAM/वसुधैव कुटुंबकम

चलचित्र समाज का आईना है जो पूर्व एवं वर्तमान की घटनाओं को समाज के समक्ष प्रस्तुत कर सत्य से रूबरू कराता है। हमने राम,कृष्ण,बुद्ध,महावीर, गुरुनानक,यीशु मसीह के चरित्र को रामायण,महाभारत एवं अन्य ग्रंथों के माध्यम से रुपहले परदे एवं दूरदर्शन पर देख अपने जीवन को धन्य बनाया है। कोई भी धर्म गलत सन्देश नहीं देता […]

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DHARM/धर्म

सिंघासन का उलटफेर,जाति-धर्मों एवं साम्राज्यवादी सोच तलेमिटती और पनपती सभ्यताएँ,सदियों से धर्मांधों की गरजती तलवारों के समक्षघुटनों के बल सिसकती इंसानियत,एवं दिल से मिटतेदया,करुणा,त्याग,प्रेम एवं रहम के नामोनिशानताज्जुब है फिर भी लोग कहते हैंधर्म जिंदा है,सच में धर्म जिंदा है तो कहाँ है धर्म?धर्म आज भी वहां जिंदा है जहाँमंदिर,मस्जिद,मुल्ला,पंडित हो ना हो,मगर जब भी […]

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Chhath Puja/छठ व्रत

Image Credit :Google हे सृष्टि के एकमात्र प्रभु तुम मूर्तरूप भगवान, करूँ मैं तेरी पूजा, छठी मैया के साथ,करूँ मैं तेरी पूजा। हे सूर्यदेव है विनती, कर दे कंचन काया, हे भ्राता छठी माँ के, कर दे निर्मल काया, तन जारेंगे मन शुद्ध, शुद्ध फल-फूल चढ़ाऊँ, हे दिनकर तुमको, सात सुप से अर्घ्य चढ़ाऊँ, सृष्टि […]

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DEEPAWALI प्रकाशपर्व

आ मिलजुल हम दीप जलाएँ, अंतर्मन को हम चमकाएँ, करें सफाई घर संग मन को, आज दिवाली है, आओ जग को चमकाएं हम आज दिवाली है।2 कार्तिक काली रात अमावस, खुशियाँ लेकर आई है, दीप जले चहुँओर अवध, मानो पूर्णिमा छाई है, छटी घटा गम खुशियाँ आई, अंतिम दिन वनवास की आई, लंक विजय घर […]

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MAA KAHAN HO TUM

Images credit: Google कैसे जग इतना बदल गया,ऐ मात मुझे समझा दो, आया माँ शरण तुम्हारे, बस इतनी दया दिखा दो। है विविध धर्म इस जग में हर धर्मों में नारी रोती, तुम भी तो माँ नारी है एक,कैसे गुमशुम हो सोती, महिसासुर रौब जमाते हैं अब घर-घर मे ऐ माता, है गर्भ में रोती […]

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JAI MATA DI

Image Credit : Google हर पल तूँ है पास हमारे, तुमसे ही माँ आस हमारे। पर्वत पर तुम रहनेवाली, हर संकट को हरनेवाली, देव भी गाते महिमा तेरी, तेरी महिमा अजब निराली, कहाँ नहीं माँ तूँ रहती है, हर जीवों में तूँ बसती है, मेरे दिल में भी रहती माँ, फिर भी प्यासे नयन हमारे, […]

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HEY PRABHU/हे प्रभु

Image Credit : Google हे मुरली,मनोहर,सुदर्शन, किस नाम से तुझे बुलाऊँ मैं, हे जगन्नाथ,हे कमलनयन, किस तौर से तुझे रिझाऊँ मैं। मैं कृष्ण कहूँ या गोवर्धन, माधव बोलूँ या कंजलोचन, तुमको मैं माखनचोर कहूँ, या गोकुल का चितचोर कहूँ, हे पद्मनाभ,हे मुरलीधर, मधुसूदन,हरि,सुमेध कहूँ, हे देवकीपुत्र,यशोदानंदन, हे दयानिधि, हे ज्ञानेश्वर, हे निर्गुण,विष्णु,विश्वमूर्ति, किस तौर से […]

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KARAGRIH PART..3

Click here to read part..2 Image Credit : Google भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की काली अंधेरी आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में मथुरा के महा अत्याचारी राजा कंस के कारागृह में वसुदेव की पत्नी एवं देवकी के गर्भ से एक बालक का जन्म हुआ,जिसे हम भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं। “आखिर हम उन्हें भगवान क्यों ना […]

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Kaaraagrih (Part-2)

Click here to read part..1 कारागृह में जन्म लिया,उसकी हम कथा सुनाते हैं, कृष्ण,कन्हैया,गोवर्धन भगवान की गाथा गाते हैं। गोकुल में है जश्न, नंद के घर में लल्ला आया है, मातम कारागृह में छाया, कंस द्वार पर आया है, सात-सात संतानों को, कैसा मामा जो मार दिया, अष्टम उसका काल है जन्मा, आहट उसने जान […]

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BALAK BHARAT/बालक भरत

Click here to read part….2 Image credit : Google यादें बिखर गई थी प्रेम मिलन की रात का,पहली मुलाकात का ना, बालक पूछ रहा माँ कौन पिता है नाम क्या,मेरी है पहचान क्या ना। माँ मेनका धैर्य बँधाती,आपदकाल की पाठ पढ़ाती, खुशियों से संसार भरा जीना कैसे उसको सिखलाती, पुत्री को समझाकर कश्यप के आश्रम […]

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KRISHNA-SUDAMA MILAN/कृष्ण-सुदामा मिलन 6

Click here to read part..5 Image Credit :Google एक परम-ज्ञानी बना दीन की कहानी, द्वार,द्वारिकापति का पूछे जाए रे, हरे कृष्ण,हरे कृष्ण गुहराये रे। दिखे कोई ना गरीब सभी दिखते अमीर, धाम द्वारिका में किसी का ना चेहरा मलिन, वहाँ कौन ये दरिद्र चला आए रे,हरे कृष्ण,हरे कृष्ण गुहराये रे। द्वार खड़ा द्वारपाल देख उठते […]

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SUDAMA KATHA/सुदामा कथा 5

Image Credit : Google Click here to read part…..4 हरे कृष्ण,हे कृष्णा,कृष्णा,भजता विप्र सुदामा, चलता जाए रे,चला द्वारकाधाम, रटन लगाए रे,हे कृष्णा हे श्याम,कहता जाए रे। शिक्षा गुरुकुल पूर्ण हुआ था बिछड़ गए दो मित्र, एक द्वारिकाधीश बने थे दूजे बन गए विप्र, एक की रानी,पटरानी संग भरा अन्न भंडार, दूजे के घर सुन्न रसोई,भूख […]

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KRISHN-SUDAAMA/कृष्ण-सुदामा 4

Image Credit-Google Click here to Read Part..3 हरे कृष्ण,हे कृष्णा,कृष्णा,भजता विप्र सुदामा, चलता जाए रे,चला द्वारकाधाम, रटन लगाए रे,हे कृषणा हे श्याम,कहता जाए रे। प्रभु कृष्ण के सखा सुदामा थे बचपन के मित्र, सखा हित मे त्याग किए और बन बैठे थे विप्र, भीख मांग परिवार चलाते, दिल में बसते श्याम, सवा सेर ही अन्न […]

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Shakuntla ka Durbhagya(2)

Click here to read part..1 Image credit :Google यादें बिखर गई थी प्रेम मिलन की रात का,पहली मुलाकात का ना, बालक पूछ रहा माँ कौन पिता है नाम क्या,मेरी है पहचान क्या ना। जब से हुई जुदाई यादों में ही खोई रहती थी, प्राणहीन तन,आँखें केवल राहें देखा करती थी, घटित हुआ एक रोज तभी […]

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Shakuntla-Dushyant Katha/शकुंतला-दुष्यंत कथा (1)

Image Credit : Google. यादें बिखर गई थी प्रेम मिलन की रात का,पहली मुलाकात का ना, बालक पूछ रहा माँ कौन पिता है नाम क्या,मेरी है पहचान क्या ना। एक कहानी प्रेम भरी सदियों पहले का गाऊँ, अपने भारत देश का उससे नाम जुड़ा बतलाऊँ, विश्वामित्र महर्षि थे एक जिसने तप की भारी, शचीपति के […]

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Eid Mubarak

Image Credit :Google एक माह की कठिन तपस्या,होती है रमजान में। सुना है तेरी बरकत सब पर,होती है रमजान में, रोजे के इस पाक महीना, ईद मिलन की बेला में,

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Chand

Image Credit :Google मजहब है ना चाँद का कोई, हम सब की मजहब में चाँद, जिसकी जैसी आँखें वैसी, आँखों को दिख जाता चाँद। कोई कहता चन्दा मामा, कोई कहता दूज का चाँद, करवाचौथ के व्रत को तोड़ा, थाल में देखी जब वो चाँद, राजा दक्ष के चाँद जमाई, शीश शुशोभित शिव-शम्भू, सारे जग को […]

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Kaisa Sansar Kaise Ham

Image Credit : Google ये संसार भी अजीब है, जब कोई इंसान माया,मोह,छल,कपट, नफरत,घृणा,आडम्बर से थक सत्य की खोज में निकलता है, अपने सारे सुख,सुविधाओं को छोड़, जंगल,जंगल भटकता है, जानना चाहता है कि वह कैसा भगवान, जो इंसान से इंसान को लड़ाता है, किसी को नीच तो किसी को महान बनाता है, हम कालान्तर […]

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Urmila ki Dasha

Click here to read part-1 सजी ऐसी अवध नगरी,की दुल्हन भी नहीं सजती, लखन,सिया,राम आये हैं,ख़ुशी कहते नहीं बनती। सजा आकाश तारों से, सजी वैसी अवध नगरी, ख़ुशी से झूमते सारे, ख़ुशी कहते नहीं बनती, वहीं ऐसा भी एक कोना, बिरह की आग में जलती, बनी पत्थर सी एक मूरत, किसी की राह है तकती […]

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Urmila Patra of Ramayna

Image Credit :Google बैदेही की बहन उर्मिला,की मैं कथा सुनाऊँ कैसे, चौदह वर्ष की बिरह,वेदना,त्याग,तपस्या गाउँ कैसे। जिस गुलशन में अभी-अभी आया बसंत का मेला था, फूल बनी ओ खिली ही थी की,बिरह ने डाला डेरा था, प्रियतम ही यमराज बना,सन्देश सुनाने आया, प्राणहीन काया कैसी ये,समझाने को आया, सिया-राम संग वन जाने को मन […]

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