SANTAAN/सन्तान

एक पूरब दूसरा पश्चिम,जिन्हें बाँध रखा,अपनी दोनों भुजाओं में,मैं  वो आपकाजादुई सामान हूँ,कहने को आपका छोटा बच्चा,जिसके दोनों गालों को पकड़ प्रेम से कहते,कबाब में हड्डी,मगर मैं ही आपदोनो का सारा जहान हूँ।मैंने मुस्कुराना सीखा,आपदोनो को हँसते मुस्कुराते देखकर,मैंने बोलना,गुनगुनाना सीखा,आपदोनो को बोलते,गुनगुनाते देखकर,मैं जीना सीख रहा,आपको जीवन जीते देखकर।मैं प्रतिफल हूँ,आपदोनो के प्रेम का,जो […]

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KASURWAR KAUN/कसूरवार कौन?

कभी कहते जिसे शरबती आँखें,अब नीर भरा समंदर खारा है,जिससे रिसते नीर,हरपल,दोष किसका,उनका तो नही,सब कुसूर हमारा है।हर मौसम ऋतुराज कलतक,मैं भी मधुमास से कम नही,पवित्र ऐसे जैसे कोई तीर्थ,मेरे समान निर्मल गंगा,जमजम नही,दौड़े चले आते ऐसे जैसे वर्षों का कोई प्यासा,मैं ही थी मीरा उनकी मैं ही थी राधा,खिली पंखुड़ियों सी अधरेंटपकते मकरन्द,कोयल सी […]

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Kya Chand bhi kabhi Rota hoga/क्या चाँद भी कभी रोता होगा!

कीमती वस्त्र,आभूषणचेहरे पर रेशमी घूंघट,और घूँघट से झलकता चाँद देख,पुरुष क्या,नारियाँ भी आहें भरती होंगी,कैसा होगा उसका बिछौना,कैसा होगा घर,वाह!क्या किस्मत पाई है,निश्चित ही मखमल पर सोती होगी,कौन सोचता होगा उसे देखकर,कि वह भी कभी रोती होगी।दिनभर की उलझनों से इतर,निशा के अंधेरे में,दरवाजे को बंदकर,तकिए में मुँह दबाए,ताकि रोने पर कोई सिसकी ना सुन […]

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PREM KAISE KARUN/प्रेम कैसे करूँ?

Image Credit : Google सुनन्दा वशिष्ठ द्वारा कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म की आपबीती कहने और सुनने पर दिल से उठे भावों को शब्दों में पिरोने का प्रयास। हो सकता है किसी दोस्त को बुरा भी लगे मगर हमारा दिल दुखाने का कत्तई सोच नही। सिर्फ दर्द को शब्दों में बयां कर रहे हैं।सुनन्दा वशिष्ठ […]

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