Mere Shyam/मेरे श्याम

जिनके होने से ही होती है विहान,वो मेरे श्याम साँवरे,जिनका नाम जपूं हर पल मैं शुबहों-शाम,वो मेरे श्याम साँवरे।प्रेममय थिरकती मीरा,मोहन मानो साथ में,दे दिया था प्याला विष का राणा उनके हाथ में,माहुर बना दिया था सुधा के समान,वो मेरे श्याम साँवरे,जिनके होने से ही होती है विहान,वो मेरे श्याम साँवरे।सन्धि का प्रस्ताव ले आये […]

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KALAM/कलम

जो लब से ना हम बोल सके,पैगाम उन्हें पहुँचा दो ना,ऐ कलम मेरी जज्बातों को,इन पन्नों पर बरसा दो ना।लिख दो धड़कन क्या कहती है,आँखें क्यों ब्याकुल रहती है,लब पर है किनके नाम मेरे,लिख दो सारे पैगाम मेरे,लिख नशा नही है लाखों में,जो नशा है उनकी बातों में,उन बातों में हम डूब गए,लिख दो खुद […]

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NASHA/नशा

नशे से भरी दुनियाँ,जहाँ कुछ नशा ऐसी,जो चढ़ती नही,और कुछ,चढ़ जाए फिर उतरती नही,चाहे क्यों ना लुप्त हो जाएँ सूरज,चाँद,सितारे,क्यों ना बुझ जाएं सारे दीप,हो जाएं क्यों नादुनियाँ से अलग,अकेला,जहाँ ना हो कोई रोकनेवाला,ना ही अपना कोई मीत,जहाँ घर क्या,भरा हो क्यों ना,तालाब भी महंगे शराब से,फिर भी नामुमकिन है उबर पानाउसके ख्वाब से।!!!मधुसूदन!!! अपने […]

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MAA AUR JINDGI/माँ और जिंदगी

जितना समझा,कम रहा,बस इन्हीं बातों का गम रहा,न जाने कितने तूफान आए,न जाने कितने पर्वतराहों मेंचक्रवात आए,मगरसदैव आगे बढ़ता रहा,तेरे हौसले,जिद्द मेंपल-पलनिखरता रहा,सबकुछ लुटा दी,मेरे एक मुस्कान पर,कितना समझाया तूनेहर गलत बात पर,ऐसे ही नही हर बार मझधार से निकलता रहा,सवाल कैसा भी होउलझतामगर हल करता रहा,सफल समझा सबने हमें,मगर आज भीस्वयं को मैंअनुतीर्ण समझता […]

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Siwa tumhare/सिवा तुम्हारे

कैसे मैं कुछ और सुना दूँ,गीत नही कुछ सिवा तुम्हारे,कैसे दिल कहीं और लगा लूँ,मीत नही कोई सिवा तुम्हारे,मैं ना जानु सत्य यहाँ क्या,ना मैं जानु झूठ है क्या,तुमको देखा देख लिया जग,मैं ना जानु हूर है क्या,तुम ही मय,तुम ही मदिरालय,तुम ही देव,मेरे देवालय,तुम ही धड़कन जान तुम्ही है,सपने सब अरमान तुम्ही है,तुम ही […]

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Tuksh nahi ho tum./तुक्ष नही हो तुम।

क्यों ना राहें हों अनजान राही मगरवे भी अपना सा लगने लगेंगे,जरा चलकर तो देख,मत समझ तुक्ष खुद को प्रणेता है तूँ,बदल किस्मत की रेख।बंजर,कंटीले हों क्यों ना डगर,मंजिल वहीं होंगे तेरे बसर,सजने लगेंगे वही ख्वाब तेरे,थिरकने लगेंगे वहीं पाँव तेरे,मिल जाएंगे फिर मुकाम,जरा चलकर तो देख,मत समझ तुक्ष खुद को प्रणेता है तूँ,बदल किस्मत […]

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Arthahin/अर्थहीन

दुख-सुख,हानि-लाभ,रूठते-मनाते,रोते,मुस्कुराते,चलता रहा वक़्त,चलते रहे हम,जैसे सूरज,सारी जिंदगी दहकते रहे हम,मगर इस आपाधापी में भूल गएउस डूबते सूरज को देखकर भी कि,एक दिन हमें भी रुकना है,हमें भी  डूब जाना है,कदम अग्रसर उसी ओरसजकर तैयारडोला भी,प्रतीक्षारत।वाह रे जिंदगी!क्या खोए,क्या पाएखोए रहे इसी में उम्र भर,इससे दूर स्वयं को हटा ना सके,अर्थहीन नही ये जीवन,इतना खुद को […]

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Krurta/क्रूरता

भूख से व्यग्र एक कुतिया,बार बार गलियों का चक्कर लगाती,इंसानों को देख अपनी पूँछें हिलाती,चेहरे के आव-भाव से भूखी होने का भाव दर्शातीमगर कहीं से भी रोटी का एक टुकड़ा नही मिल पाने परवापस अपने बच्चों के पास आकर लेट जाती,फिर टूट पड़ते नासमझ बच्चे उसपरऔर नोचने लगते स्तन।पेट में अन्न का दाना नहीऔर ना […]

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Kora Kagaj/कोरा कागज

जब भी उठती कलम चिल्लाता कोरा कागज,सिसक सिसककर दर्द सुनाता कोरा कागज।महिमामंडित गद्दारों का करते करते,शब्द बने बोझिल,शब्दों को सहते सहते,ऊब गया, खुद पर शर्माता कोरा कागज़,जब भी उठती कलम चिल्लाता कोरा कागज।लाखों खोए वीर वतन पर मिटनेवाले,नहीं यहाँ पर कोई उनपर लिखनेवाले,कब आएंगे वे दिन,कब वो कवि बता दे,बलिदानी के नाम शब्दों की झड़ी […]

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Daud/दौड़

टूटते गुम्बद,नित टूटते मंदिर,टूटती नही,जाति-मजहब की दीवारें,प्रेम से रिक्त होते दिल,और गगन चूमती नफरत की मीनारें,मिट गया वह भीजिसके चलने मात्र से हिलती थी धरती,नित मिट रहे कंस और दुर्योधन भी,मगर मिटती नही जग सेझूठी अहंकारें।वैसेगिराई तो तूने भी है,मेरे ख्वाबों का शीशमहल,तोड़े हैं रिस्ते,यकीन,वादे,किया है फरेबबहुत कुछ पाने को,फिर क्यों नही चमकते,तेरे चेहरे पर […]

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Poras aur Sikandar

Image credit:google सिकन्दर हार गया, बादशाह मकदूनिया का था,विश्वविजय अरमान, झेलम नद के तट पर आकर टूट गया अभिमान, सिकन्दर हार गया, हैं कहते जिसे महान,सिकन्दर हार गया। उत्तर में यूनान अवस्थित, मकदूनिया एक राज्य, चला सिकन्दर पूर्व दिशा में, भारी सेना साज, थिब्स,मिश्र,इराक हराते, फौज बढ़ा हिरात से आगे, समरकन्द,काबुल जीत प्रतिशोध लिया ईरान […]

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ANJAANA/अनजाना!

मुझसे भी मेरे दिल का खास,हुआ है कोई।मौसम संग बदले सारे ख्वाब,दुआ है कोई।आते वे पास,हम ना होते इस जहान में,एक साथ चाँद कई दिखते आसमान में,उनकी अदाएं,बातें,आँखें,मुस्कुराहटें,अस्त्र विचित्र,ध्वस्त गुरुर की इमारतें,खुले बज्र जैसे दिल के किवाड़,खुदा है कोई?मौसम संग बदले सारे ख्वाब,दुआ है कोई।कैसी ये रुत कैसी आई ये उमरिया,खुद से भी प्यारी लगे […]

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DILEMMA/उहापोह

मैं धरती तुम गगन हमारे,सूरज,चंदा,चमन हमारे,काया मेरी जान तुम्ही हो,धड़कन मेरे प्राण तुम्ही हो,बेशक नयन हमारे उनमे बस तेरे ही रूप रे पगले,भरी दुपहरी ढूँढ रहा क्यों,इधर-उधर तुम धूप रे पगले।मैं राही तुम सफर हमारे,मंजिल तुम हमसफ़र हमारे,तुम ही मेरे काशी,काबा,तुम चितचोर मेरे,मैं राधा,तुम ही हो प्रारब्ध,मुकद्दर और मैं तेरी हूर रे पगले,भरी दुपहरी ढूँढ […]

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AADAT CHAY KI/आदत चाय की

कहता रहा दिमाग,चाय सेहत के लिए ठीक नही,मगर मुश्किल था दिल को समझाना,मिलने का वक़्त मालूम,फिर भी इंतजार,चाय पीना तो था एकमात्र बहाना,घँटों की मुलाकात,लब खामोश,ये नित्य का सिलसिला था,आसान नही था कुछ भी कहना,फिर भी सुनने को आतुर वेऔर लब भी उस दिन कुछ यूँ हिला था,हम जीवन भर बर्तन धोते रहेंगे,तुम यूँ ही […]

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AKROSH/आक्रोश

हाथों मे सोने का कंगन लिए बाघ,खुद को शाकाहारी बन जाने का ढोंग करता,दुर्योधनी सोच लिए सरहद रौंदने को ततपर पड़ोसीमन में घृणित रोग रखता,दशानन का साधु बन आना,और हर बार तेराछला जाना,आखिर कब तक?आखिर कब तक उस अधर्मी संग धर्म निभाओगे,पाशे का छल,द्रौपदी की चीख,और उबाल लेता धमनियों मेंशोणित की प्रवाह भूल,कबतक?आखिर कबतक उस […]

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LAKSHYA/लक्ष्य

बच्चे ही दौड़ते,बुजुर्ग नही दौड़ते,कभी गौर करना तब,जब बच्चों के पाँवधरती पर पड़ते।बीज शांत तबतक,जबतक गर्भ में होते,अंकुरण का देर,फिर तो पल-पल ही बढ़ते,अंकुर को वृक्ष होते देर नही लगते,बच्चे ही दौड़ते,बुजुर्ग नही दौड़ते।छोड़ दो बहलाना खुद को,किस बाग को,सजाना सोचो,वृक्ष तो स्थिर,तेरे पाँव,किधर जाना सोचो,ख्वाब गर बदले,मंजिल बदल जाएगी,पलभर की चूक,रण-निर्णय बदल जाएगी,भगीरथ प्रयास […]

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ATMAHATYA/आत्महत्या

स्तब्ध हूँ, इस तरह चले जाना तेरा ठीक नही,माना जीवन क्षणभंगुर मगर,इस कदर अपनों कोतड़पाना भी तो ठीक नही,काश अपनी मजबूरियाँ अपनों को बताते,कोई न कोई राह जरूर निकल आते,थोड़ी सी चोट और छलक जाते हैं आँसू,छुपाता कोई बिस्तर भिगोता है,तुम तो मर्द है,क्या हुआ,ऐसे लड़कियों की तरह रोता क्यों है?कुछ ऐसा ही कहा जाता […]

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KASURWAR KAUN/कसूरवार कौन?

कभी कहते जिसे शरबती आँखें,अब नीर भरा समंदर खारा है,जिससे रिसते नीर,हरपल,दोष किसका,उनका तो नही,सब कुसूर हमारा है।हर मौसम ऋतुराज कलतक,मैं भी मधुमास से कम नही,पवित्र ऐसे जैसे कोई तीर्थ,मेरे समान निर्मल गंगा,जमजम नही,दौड़े चले आते ऐसे जैसे वर्षों का कोई प्यासा,मैं ही थी मीरा उनकी मैं ही थी राधा,खिली पंखुड़ियों सी अधरेंटपकते मकरन्द,कोयल सी […]

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CHUPPI/चुप्पी

सुना है श्रद्धा हो मन में तो रबपत्थर में मिल जाते हैं,प्रेम की भाषा इंसां क्या,पशु-पक्षी,जानवर भी समझ जाते हैं,माँ खुश होती,जब बच्चा दूध पी लेता,दानी खुश होता जब जरूरतमंद को कुछ दे देता,प्रफुल्लित होती नदियाँ,किसी की प्यास मिटाकर,झूम उठते वृक्ष,अपना फल खिलाकर,हिम ना पिघलता,नदियों का कोई वजूद नही होता,तुम ना होते,इन शब्दों का भीकोई […]

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UMMID/उम्मीद

सजल नैन,बालम परदेस,दशा डराए। बंद शहर,कोरोना का कहर,नींद न आए। अस्थिर मन,हिमालय सा अटल,किसे दिखाएँ। आह!नियति,संकट में है प्राण,कोई बचाए। रब की पूजा,करते निशदिन,चैन ना आए। बंद झरोखे,गरजते बादल,हवा डराए। ढाढ़स देते,आएगा मधुमास,लोग जो आए। अकेलापन,अपनो की है भीड़,कौन हँसाए। !!!मधुसूदन!!१

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